वास्तु प्लांट : घर की इस दिशा में लगाएं नीली और सफेद अपराजिता, हर दिशा से आएगा सफलता का संदेश - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Wednesday, July 6, 2022

वास्तु प्लांट : घर की इस दिशा में लगाएं नीली और सफेद अपराजिता, हर दिशा से आएगा सफलता का संदेश

Aparajita

Vastu Tips Aparajita flower in hindi : अपराजिता का वृक्ष झाड़ीदार और कोमल होता है। अपराजिता सफेद और नीले रंग के फूलों वाली होती है। नीले फूल वाली अपराजिता भी दो प्रकार की होती है:- 1.इकहरे फूल वाली और 2. दोहरे फूल वाली। श्वेत अपराजिता का पौधा मिलना कठिन है। आओ जानते हैं इस पौधे के लाभ और वास्तु अनुसार इसे किस दिशा में लगाएं।

 

अन्य नाम : संस्कृत में इसे आस्फोता, विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्वखुरा कहते हैं। बंगाली में भी अपराजिता, मराठी में गोकर्णी, काजली, काली, पग्ली सुपली आदि कहा जाता है। गुजराती में चोली गरणी, काली गरणी कहा जाता है। तेलुगु में नीलंगटुना दिटेन और अंग्रेजी में मेजरीन कहा जाता है। 

 

अपराजिता का लाभ :

1. श्वेत और नीले दोनों प्रकार की अपराजिता औषधीय गुणों से भरपुर है।

2. श्वेत अपराजिता: यह पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। 

3: श्वेत अपराजिता का पौधा घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आने देता है।
4. इसे घर में लगाने से घर में सुख और शांति के साथ ही धन समृद्धि आती है।

5. नीली अपराजिता को अक्सर सुंदरता के लिए बगीचों में लगाया जाता है। इसमें बरसात के सीजन में फलियां और फूल लगते हैं। यह पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है।

औष‍धीय लाभ : दोनों प्रकार की कोयल (अपराजिता), चरपरी (तीखी), बुद्धि बढ़ाने वाली, कंठ (गले) को शुद्ध करने वाली, आंखों के लिए उपयोगी होती है। यह बुद्धि या दिमाग और स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली है तथा सफेद दाग (कोढ़), मूत्रदोष (पेशाब की बीमारी), आंवयुक्त दस्त, सूजन तथा जहर को दूर करने वाली है।

 

दिशा : वास्तु शास्त्र के अनुसार अपराजिता के पौधा को घर की पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में लगाना चाहिए। उत्तर-पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं। यह दिशा देवी देवताओं और भगवान शिव की दिशा मानी गई है।



from ज्योतिष https://ift.tt/3kaZxCf
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages