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Wednesday, October 5, 2022

चंद्र ग्रहण कब है? खास बातें

Chandra Grahan 2022 
 

वर्ष 2022 में पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) जहां 16 मई 2022 को लगा था, वहीं इसी वर्ष दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022, मंगलवार के दिन पड़ेगा। इस बार देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, लेकिन विद्वानों ने देव दीपावली को एक दिन पहले मनाने का फैसला किया है, तथा यह दिन 7 नवंबर 2022 को रखा है। आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन लग रहा है और इसी के चलते देव दीपावली एक दिन पहले यानी चंद्र ग्रहण के सूतक काल से पहले ही देव दीपावली पर्व मनाया जाएगा।

 

ज्ञात हो कि दीपावली के ठीक एक दिन बाद सूर्य ग्रहण पड़ेगा और देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है यानी एक महीने में दो ग्रहण होंगे, जिनका सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव भी होगा। इस बार 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है और उसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है।  

 

जानें खास बातें-Chandra grahan

 

- मान्यतानुसार चंद्र ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी एक ही क्रम में होते हैं, जिसके कारण चंद्र ग्रहण लगता है। 

 

- हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रहण के समय कुछ ऐसी बातें सावधानियां रखने योग्य होती है, जिन्हें ग्रहण काल के समय अवश्य ही रखनी चाहिए।

 

- चंद्र ग्रहण के बाद नियम का पालन एवं दान करने का विशेष महत्व माना जाता है।

 

- चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। 

 

- ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है, जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।

 

- चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए।

 

- सूतक लगने के बाद पूजा पाठ न करें। 

 

- ग्रहण के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है। 

 

- चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें।

 

- मंदिर अथवा घर के मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें। नैवेद्य या भोजन अर्पि‍त नहीं किया जाता है। 

 

- दातून न करें। 

 

- कठोर वचन बोलने से बचें। 

 

- बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें। 

 

- घोड़ा, हाथी की सवारी न करें। 

 

- ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें।

 

- कैंची का प्रयोग न करें।

 

- घास, लकड़ी एवं फूलों को तोड़ने की मनाही है।

 

- यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें। 

 

- गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें। 

 

- शयन और यात्रा न करें। 

 

चंद्र ग्रहण के बाद कुछ खास चीजों का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचाव होता हैं। 

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