आज अक्टूबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत, पढ़ें गुरु प्रदोष की कथा और फायदे - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Thursday, October 26, 2023

आज अक्टूबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत, पढ़ें गुरु प्रदोष की कथा और फायदे

 

Pradosh Vrat 2023: आज आश्विन मास तथा अक्टूबर के महीने का दूसरा गुरु प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। धार्मिक शास्त्रों में प्रदोष व्रत बहुत ही मंगलकारी एवं शिव की कृपा दिलाने वाला माना गया है। गुरु प्रदोष व्रत करने वाले को सौ गायें दान करने का फल प्राप्त होता है। त्रयोदशी तिथि में सायंकाल के समय को प्रदोष काल कहा जाता है। अत: आज के दिन गुरु प्रदोष की कथा पढ़ने या सुनने मात्र से ऐश्वर्य, धन-संपत्ति और विजय का शुभ वरदान मिलता है। 

 

आइए यहां जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत की कथा और व्रत-उपवास के फायदे- 

 

कथा-Guru Pradosh Katha

 

गुरु प्रदोष व्रत की कथा के अनुसार एक बार इंद्र और वृत्तासुर की सेना में घनघोर युद्ध हुआ। देवताओं ने दैत्य-सेना को पराजित कर नष्ट-भ्रष्ट कर डाला। यह देख वृत्तासुर अत्यंत क्रोधित हो स्वयं युद्ध को उद्यत हुआ। आसुरी माया से उसने विकराल रूप धारण कर लिया। सभी देवता भयभीत हो गुरुदेव बृहस्पति की शरण में पहूंचे। 

बृहस्पति महाराज बोले- पहले मैं तुम्हें वृत्तासुर का वास्तविक परिचय दे दूं। वृत्तासुर बड़ा तपस्वी और कर्मनिष्ठ है। उसने गंधमादन पर्वत पर घोर तपस्या कर शिव जी को प्रसन्न किया। पूर्व समय में वह चित्ररथ नाम का राजा था। एक बार वह अपने विमान से कैलाश पर्वत चला गया। वहां शिव जी के वाम अंग में माता पार्वती को विराजमान देख वह उपहासपूर्वक बोला- 'हे प्रभो! मोह-माया में फंसे होने के कारण हम स्त्रियों के वशीभूत रहते हैं किंतु देवलोक में ऐसा दृष्टिगोचर नहीं हुआ कि स्त्री आलिंगनबद्ध हो सभा में बैठे।'

 

चित्ररथ के यह वचन सुन सर्वव्यापी शिवशंकर हंसकर बोले- 'हे राजन! मेरा व्यावहारिक दृष्टिकोण पृथक है। मैंने मृत्युदाता-कालकूट महाविष का पान किया है, फिर भी तुम साधारणजन की भांति मेरा उपहास उड़ाते हो!' माता पार्वती क्रोधित हो चित्ररथ से संबोधित हुईं- 'अरे दुष्ट! तूने सर्वव्यापी महेश्‍वर के साथ ही मेरा भी उपहास उड़ाया है अतएव मैं तुझे वह शिक्षा दूंगी कि फिर तू ऐसे संतों के उपहास का दुस्साहस नहीं करेगा- अब तू दैत्य स्वरूप धारण कर विमान से नीचे गिर, मैं तुझे शाप देती हूं।'

 

जगदंबा भवानी के अभिशाप से चित्ररथ राक्षस योनि को प्राप्त हुआ और त्वष्टा नामक ऋषि के श्रेष्ठ तप से उत्पन्न हो वृत्तासुर बना। गुरुदेव बृहस्पति आगे बोले- 'वृत्तासुर बाल्यकाल से ही शिवभक्त रहा है अत: हे इंद्र! तुम बृहस्पति प्रदोष व्रत कर शंकर भगवान को प्रसन्न करो।'

 

देवराज ने गुरुदेव की आज्ञा का पालन कर बृहस्पति प्रदोष व्रत किया। गुरु प्रदोष व्रत के प्रताप से इंद्र ने शीघ्र ही वृत्तासुर पर विजय प्राप्त कर ली और देवलोक में शांति छा गई। अत: प्रदोष व्रत हर शिव भक्त को अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने तथा इसकी कथा सुनने से शत्रु, कष्ट तथा पापों का नाश होता है।

 

व्रत के फायदे-Guru Pradosh Vrat ke Fayde 

 

- गुरु प्रदोष व्रत करने से बृहस्पति ग्रह शुभ प्रभाव देता है। 

- गुरु प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि हमेशा बनी रहती है।

- प्रदोष व्रत जीवन में हर तरह की सफलता के लिए रखा जाता है।

- प्रदोष व्रत में शिव जी का पूजन करने से भाग्य जागृत होता है।

- गुरु प्रदोष व्रत से देवगुरु बृहस्पति तथा पितृ देव प्रसन्न होते हैं तथा पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

- इस दिन मात्र फलाहार लेने से चंद्र दोष से मिलने वाले खराब प्रभाव दूर तथा नष्‍ट होकर मन से नकारात्मकता दूर होती है। 

- जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है, उसे जीवन में कभी भी संकटों का सामना नहीं करना पड़ता है। यह शत्रु तथा खतरों के विनाश करता है। 

 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ALSO READ: Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व, मंत्र और मुहूर्त

ALSO READ: शुक्र ग्रह बनाने जा रहा है नीचभंग राजयोग, 3 राशियों को मिलेगा अचानक कहीं से धन

 



from ज्योतिष https://ift.tt/o67ht0O
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages