बदायूं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा जनपद बदायूँ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालते ही आपराधिक मामलों में पाया कि जनपद में अधिकतर अभियोग पेशबंदी पर झूठे लिखाये जाते हैं । अभियोगो में गलत नामजद होने पर कई बार व्यक्तियों में बदले की भावना से हत्या तक के अपराध कारित करने की घटना तक हो जाती थी।
इस योजना को प्रदेश के सभी जनपदों में लागू करने हेतु विचार किया जा रहा है । उपरोक्त कार्ययोजना जनपद बदायूँ मे लागू होने से जनता का पुलिस के प्रति विश्वास बढा है तथा बार एसोसिएशन व गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भी इस योजना की सराहना की गयी है ।
अभियोगों में गलत रूप से नामजद बेगुनाह व्यक्तियों को विवेचना के परिणाम की जानकारी ना हो पाने के कारण विभिन्न स्तरों पर उनका आर्थिक तथा मानसिक शोषण हो रहा था। एस एस पी द्वारा अभियोगो में झूठे फंसाये गये व्यक्तियों को न्याय दिलाने व मुकदमों में कमी लाने हेतु एक विस्तृत कार्ययोजना बनायी गयी तथा अपर पुलिस अधीक्षक नगर/ग्रामीण तथा समस्त क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारियों को स्पष्ट आदेश दिये गये कि किसी भी झूठे अभियोग में किसी भी निर्दोष को जेल न भेजा जाये बल्कि जो व्यक्ति झूठा अभियोग पंजीकृत कराये उसके विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिये ।
एस एस पी के इस आदेश के परिपेक्ष्य में जनपद के सभी थानों पर व्यापक रूप से अभियान चलाया गया, जिसके परिणाम स्वरूप जनपद बदायूँ में माह अप्रैल, 2018 से दिसम्बर 2018 तक 1425 निर्दोष व्यक्तियों की नामजदगी झूठी पायी गयी है और जिनको जेल जाने से बचाया गया।
झूठी अभियोगों में नामजदगी झूठी पायी जाने पर अभियोगों से निकाले गये नामों को संबंधित थानों व पुलिस कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया गया। जिससे किसी भी निर्दोष व्यक्ति जिसकी नामजदगी झूठी पायी गयी है। वह अपना नाम थाने, क्षेत्राधिकारी कार्यालय व पुलिस कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर देख सके तथा आर्थिक व मानसिक शोषण से बच सके उपरोक्त कार्ययोजना प्रारम्भ करने के उपरान्त जनपद बदायूँ में झूठे अभियोग लिखवाने की प्रवृत्ति में काफी कमी आयी। अप्रैल 2018 में 431, मई 2018 में 209, जून में 208, जुलाई में 188, अगस्त में 139, सितम्बर में 114, अक्टूबर में 53, नवम्बर में 47 तथा दिसम्बर में 47 व्यक्तियों की नामजदगी झूठी पायी गयी। अप्रैल से दिसम्बर तक झूठी नामजदगी लिखवाने वाले अभियोगों में भारी कमी आयी । उनके द्वारा विवेचक को 07 दिवस में नामजदगी की सत्यता का निर्धारण कर झूठे फंसाये गये व्यक्तियों का नाम विवेचना से हटाने का निर्देश दिया गया था तथा यह सूची प्रत्येक सोमवार को अध्यावधिक की जाती थी ।
जिन व्यक्तियों द्वारा जानबूझकर किसी को झूठे अभियोग में फंसाने के उद्देश्य से अभियोग पंजीकृत कराया जाता है, धारा 194/195 भादवि में झूठा अभियोग पंजीकृत करा के दण्डित कराने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को उसी सजा का प्राविधान है। जिसके लिये मूल अभियोग पंजीकृत कराया गया था । इस कार्ययोजना से जनता में पुलिस की निष्पक्ष कार्य प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ा है तथा फर्जी अभियोग पंजीकरण पर अंकुश लगा है । जिससे विगत वर्ष की तुलना में 2018 में हत्या के अभियोगों में 31.76 प्रतिशत, बलात्कार के अभियोगों में 15 प्रतिशत तथा शीलभंग के अभियोगों में 23.14 प्रतिशत, डकैती में 25 प्रतिशत, लूट में 27 प्रतिशत, चोरी में 28.66 प्रतिशत, वाहन चोरी में 37.98 प्रतिशत तथा गृहभेदन में 30.68 प्रतिशत की कमी आयी है । एस एस पी की सक्रियता से यू0पी0-100 के रिस्पांस टाईम सबसे कम होने के कारण बरेली जोन में जनपद प्रथम पायदान पर बना हुआ है । इन सभी कार्ययोजनाओं व संक्रियता से संपूर्ण उत्तर प्रदेश में जनपद बदायूँ का कुल लम्बित विवेचनाओं में प्रथम स्थान, कुल लम्बित विवेचना जघन्य अपराध में दूसरे स्थान, कुल गिरफ्तारी गैंगस्टर में तीसरा स्थान, कुल गिरफ्तारी/आत्मसमर्पण में 11वां स्थान व जघन्य अपराध की गिरफ्तारी में 19वां स्थान प्राप्त किया । एस एस पी द्वारा जारी की गयी इस कार्ययोजना का पुलिस महानिदेशक व मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया गया तथा इस कार्ययोजना की प्रस्तुतिकरण हेतु आईपीएस वीक लखनऊ में आमंत्रित किया गया था । लखनऊ में इस कार्ययोजना को देखने के उपरान्त डीजीपी उत्तर प्रदेश पुलिस व अन्य उच्चाधिकारीगणों द्वारा इसकी बहुत सराहना की गयी । उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह द्वारा एसएसपी बदायूँ अशोक कुमार (आईपीएस) को आईपीएस वीक लखनऊ में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
from BT News 24 http://bit.ly/2QqjQmm
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