बिल्सी।
आज बाबा इन्टरनेशनल स्कूल में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग कर अपने विचार प्रस्तुत किये। प्रतियोगिता का शुभारम्भ डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय ने किया। प्रतियोगिता को दो वर्गों में बांटा गया था। जूनियर वर्ग और सीनियर वर्ग। जूनियर वर्ग में कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थी तथा सीनियर वर्ग में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी शामिल थे। जूनियर वर्ग के लिए प्रतियोगिता का विषय जल संरक्षण तथा सीनियर वर्ग के लिए विषय नारी सुरक्षा रखा गया था। भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने दिए गए विषय जल संरक्षण व नारी सुरक्षा पर अपने विचारों से सभी को झकझोर दिया। छात्राओं ने कहा कि आज महिलाओं की स्थिति में सुधार तो हुआ है लेकिन यह मात्र कुछ वर्ग तक ही सीमित है। विद्यार्थियों ने भाषण के मध्यम से महिला अपराध से जुड़े कानूनी प्राविधान एवं यूपी पुलिस द्वारा महिलाओं और छात्राओं को सशक्त करने के लिए चलाई जा रही सेवाओं से सम्बन्धित जानकारी दी गई।
भाषण प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में कक्षा 6 से शौर्य माहेश्वरी, कृषिव वार्ष्णेय एवं इनाया हुसैन, कक्षा 7 से वंश, प्रगति एवं राघव, कक्षा 8 से स्नेहा माहेश्वरी, चिराग वार्ष्णेय एवं शिक्षा चौहान और सीनियर वर्ग में नदीम सैफी, श्रद्धा वार्ष्णेय व इशिता गुप्ता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया।
विद्यालय डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि हमें अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार पानी का प्रयोग करना चाहिए। महिला सशक्तिकरण विषय पर उन्होंने कहा कि महिलाएं तभी सशक्त होंगी तभी होगा जब महिलायें हर क्षेत्र में पुरूषों के समान बन जायेंगी और अपनी स्थिति को मजबूत बनायेंगी। अपने विकास और वृद्धि के लिये महिलाओं को हर पल मजबूत, जागरुक और चौकन्ना रहने की जरुरत है।
प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने छात्राओं से कहा कि पीने योग्य ताजे पानी के संरक्षण के लिए हमें जल की हानि को रोकने, पानी की प्राकृतिक गुणवत्ता के खराब होने से रोकने और जल प्रबंधन के कार्यों को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण विषय पर उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। मौका मिलने पर महिलाएं पुरुषों की तरह देश व समाज का नाम रोशन कर सकती हैं।
प्रशासक वी.पी. सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान में स्त्री-पुरुष के भेदभाव को समाप्त करते हुए उन्हे एक समान अधिकार दिए हैं। ।महिला सशक्तिकरण महिलाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें स्वयं के निर्णय लेने के लिए एक बहुत ही बड़ा कदम है जिससे कि वे समाज में व्यक्तिगत सीमाओं को दूर कर आगे बढ़ सकें और अपने विचारों को लोगों के सामने रख सकें।
प्रतियोगिता के दौरान डी.एम. सैफी, सोनल शर्मा, साजिद रजा एवं प्रमोद तिवारी मौजूद रहे।
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