1. मित्रता का प्रमुख भाव एकादश भाव है जो आय भाव भी है जिसके जितने अच्छे मित्र होंगे, आय भाव उतना ही मजबूत होगा।
2. इस भाव में यदि सूर्य हो तो ऐसे जातक की उच्च पदासीन, सत्तासीन व राजनीतिक लोगों से मित्रता होती है।
3. चंद्रमा इस भाव में होने पर ऐसे जातक के मित्र कलाकार, वायुयान चालक, जहाज के कैप्टन, नाविक आदि मित्र होते हैं।
4. एकादश भाव में मंगल है तो ऐसे जातक के मित्र खिलाड़ी, पहलवान, कुक आदि प्रकृति के लोग होते हैं।
5. यदि बुध इस भाव में हो तो ऐसे जातक के मित्र व्यावसायिक वृत्ति के लोग होते हैं।
6. गुरु इस भाव में होने पर जातक के मित्र बैंकिंग, वित्त धार्मिक आस्था, दार्शनिक आदि किस्म के होते हैं।
7. शुक्र इस भाव में होने पर अभिनय क्षेत्र, स्त्री, कलाकार आदि मित्रों की संख्या अधिक होती है।
8. शनि एकादश भाव में होने पर जातक के नौकरी पेशा, सेवावृत्ति, अपनी आयु से अधिक उम्र वाले लोगों से मैत्री संबंध होते हैं।
9. यदि इस भाव में राहु या केतु हो तो ऐसे व्यक्ति के छद्म मित्रों व अपनी जाति से इतर लोगों से मित्रों की संख्या अधिक होती है।
10. यदि इस भाव में कोई भी ग्रह नहीं है तो उस पर ग्रहों की दृष्टि और उस भाव की राशि से मित्रता का अनुमान लगाया जा सकता है।
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