विद्वान पंडित हेमंत रिछारिया जी के अनुसार चतुर्थी तिथि 18 सितंबर सोमवार की दोपहर में प्रारंभ हो रही है और अगले दिन ही 19 सितंबर मंगलवार को दोपहर के बाद समाप्त हो रही है। गणेशजी की पूजा और स्थापना में मध्याह्न समय का महहत्व है। दोनों ही दिनांक को चतुर्थी मध्यान्हव्यापिनी रहेगी परंतु शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी यदि मंगलवार को रहती है तो उसे महाचतुर्थी माना जाता है। इस मत के अनुसार 19 सितंबर मंगलवार को ही गणेशजी की स्थापना की जानी चाहिए। दूसरा यह कि गणेश स्थापना के बाद यह उत्सव 10 दिनों तक चलकर अनंत चतुर्थी पर समाप्त होता है। यदि 10 दिन हम लेते हैं तो यह समय अनंत चतुर्दशी पर ही पूर्ण होता और अनंत चतुदर्शी 28 सितंबर की है जिसकी दिनांक को लेकर किसी भी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं है। अत: शास्त्रोक्त मत से 19 सितंबर को ही गणेशजी की स्थापना करना उचित है।
गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ:- 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगी।
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त:- 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी।
नोट : पंचांग भेद के अनुसार चतुर्थी तिथि के प्रारंभ और समापन में कुछ मिनट की घटबढ़ रहती है।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त :
- गणेश स्थापना पर्व में मध्याह्न के समय मौजूद (मध्यान्हव्यापिनी) चतुर्थी ली जाती है।
- इस दिन रविवार या मंगलवार हो तो यह महाचतुर्थी हो जाती है।
- अधिकतर विद्वानों के अनुसार गणेश स्थापना 19 सितंबर 2023 को उदियातिथि के अनुसार करना चाहिए।
- 19 सितंबर को गणेश स्थापना और पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त : सुबह 11:01:23 से दोपहर 01:28:15 तक का है।
- हिंदी पंचांग के अनुसार 19 सितंबर 2023 मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र 19 सितंबर की सुबह से लेकर दोपहर 01 बजकर 48 तक रहेगा।
- इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू होगा जो रात तक रहेगा। इन दोनों नक्षत्रों को बेहद शुभ माना जाता है।
- दरअसल, स्वाति नक्षत्र होने से ध्वजा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग बनेंगे।
- इसके साथ ही इस दिन वैधृति योग भी रहेगा। अत: निश्चिंत होकर आप 19 सितंबर को हमारे बताए मुहूर्त के अनुसार गणेशजी की स्थापना करके पर्व को मनाएं।
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