उझानी।
नगर के समीपवर्ती गांव चमारी में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन हो गया। अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण लीला, रुक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र आदि का वर्णन किया गया। विशाल भंडारा भी हुआ। कथावाचक जसवंत राजपूत ने कहा कि श्रद्धा और भक्ति से ही ईश्वर के साक्षात दर्शन होते हैं। मनुष्य श्रद्धा से ही अपने जीवन को बहुमूल्य बना सकता है। श्रेष्ठ कार्यों से अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है। रुक्मणी विवाह में श्रद्धालुओं ने कन्यादान लिया। मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने दीप प्रज्वलित कर मंगल गीत गाए। कलाकारों ने सजीव झांकियां निकालकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। गायत्री परिवार के रामकिशन नारद और रामवीर सिंह ने वेदमंत्रोच्चारण कर यज्ञ संपन्न कराया। दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने लोककल्याणार्थ गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की विशेष आहुतियां यज्ञ भगवान को समर्पित की। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। दर्जनों गाँवों से आए साधु-संतों और गणमान्य नागरिकों ने भंडारे का आनंद लिया। इस मौके पर आकाश शाक्य, लालाराम शर्मा, उदयवीर, हरस्वरुप, तेजेंद्र, नरेश पाल, सत्यवीर सिंह यादव, मनोज, सत्यम, रमेश चंद्र आदि मौजूद रहे।
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