मथुरा।
मथुरा में 59 अध्यापकों के खिलाफ जांच के बाद 33 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। बीते माह इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस देते हुए 26 नवंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा गया था। एसआईटी की जांच के बाद भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर ने 33 अध्यापकों को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में अब तक घोटालों की भरमार रही है। फर्जी मार्कशीट पर नौकरी पाने का सिलसिला आज भी सामने आ जाता है। मथुरा के 59 अध्यापकों के खिलाफ जांच के बाद 33 शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश आने की सूचना के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। कार्यवाहक बेसिक शिक्षा अधिकारी रामतीर्थ वर्मा ने संवाददाताओं को बताया 2004-05 में आगरा विश्वविद्यालय से B.Ed की डिग्री हासिल करने वाले फर्जी तौर पर जिन 33 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी उनकी बर्खास्तगी की जा रही है जबकि छेड़छाड़ की गई मार्कशीट वाले शिक्षकों के मामले की जांच अभी जारी है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में 2016 में गठित विशेष जांच टीम एसआईटी ने जो छानबीन की, उसके तहत आगरा स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सत्र 2004-05 में B.Ed डिग्री हासिल करने वाले 4,700 शिक्षकों की अंक तालिका में गड़बड़ पाई गई थी।
उन्होंने बताया कि तमाम डिग्रियां पूरी तरह से फर्जी निकली हैं तो कई की मार्कशीट में छेड़छाड़ की गई है। इसमें मथुरा के 59 शिक्षकों के कागजात भी फर्जी पाए गए थे। उन्होंने बताया कि इन सभी को सितंबर माह में निलंबित कर दिया गया था। गत माह इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस देते हुए 26 नवंबर तक अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था।
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