बिल्सी/ बदायूं।
एक गली में छोटी सी दुकान लेकिन प्रसिद्धि बेहिसाब, ऐसे थे यादराम हलवाई। केवल बिक्री भर कलाकंद बनाने वाले यादराम को नगर के हर कोने में पहचाना जाता था। उनका कलाकंद दूर दूर तक पसंद था। केवल आर्डर पर अथवा जरूरतमंदों की डिमांड पर कलाकंद बेचकर अपने परिवार को संचालित करने वाले हलवाई यादराम वार्ष्णेय का निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। वह.अपने पीछे 2 पुत्र और भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। हलवाई यादराम कलाकंद के लिए विशेष प्रसिद्ध थे लेकिन पेड़ा और कतली भी उनकी प्रसिद्धि का और क्वालिटी का लोगों को एहसास कराती रही। उनके निधन से नगर में शोक की लहर दौड़ गई तमाम लोगों ने उनके घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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