कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
इससे पूर्व 1150 मरीजों का परीक्षण कर निशुल्क दवाएं
बांटी
बदायूं ।
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा ) एवं राष्ट्रीय युवा मंच संगठन के द्वारा युवा मंच संगठन के स्थापना दिवस पर ग्रामीण आँचल में ग्राम मनिकापुरकौंर में “निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर” एवं कविता चली गाव की ओर “कवि सम्मेलन” का हुआ सफल आयोजन हुआ ।
निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का उद्धघाटन जिला अधिकारी कुमार प्रशांत , एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक त्रिपाठी के द्वारा किया गया।सचिन भारद्वाज द्वारा निःशुल्क वस्त्रों का वितरण किया।
इस मौके पर शिविर आये बुज़ुर्गों को डीएम एवं एसएसपी ने पुष्प माला पहनाई और सबसे मिलकर मरीजों का हाल चाल लिया एवं शिविर में आए चिकित्सकों का भी सम्मान किया गया।
निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में 1150 मरीजों को डाक्टर हाक़िम सिंह – फिजिशियन/स्त्री रोग विशेषज्ञ, डाक्टर बी०आर०गुप्ता – हड्ड़ी रोग विशेषज्ञ, डाक्टर रुचि गुप्ता – महिला रोग विशेषज्ञ, डाक्टर वागीश वार्ष्णेय – हड्डी रोग सर्जन, डाक्टर सौरव राठौर – दंत रोग विशेषज्ञ, डाक्टर चक्रेश गुप्ता – आँख, कान, गला रोग विशेषज्ञ, डाक्टर संदीप वार्ष्णेय – बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ, डाक्टर आई०पी०आर्य – फिज़िशिय ने परीक्षण किया साथ ही मलेरिया एवं आँखों की निःशुल्क जांच की गयी एवं लोगो को निःशुल्क दवाइयों का भी वितरण किया गया ।
देर रात्रि तक कविता चली गाँव की ओर में अद्धभुत कवि सम्मेलन के आयोजन में मुख्य अथिति दातागंज के विधायक राजीव कुमार सिंह के पुत्र अतेन्द्र विक्रम सिंह, अरविंद सिंह, रिंकू भईया अध्यक्षता समाज सेवी साहित्यकार अशोक खुराना ने की। कवि समनेलन का शुभारंभ माँ वीणापाणि के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।संचालन पवन शंखधार ने करते हुये पढ़ा ―
मूरख से मत बहस कर , अपना आपा खोय ।
मूरख तो मूरख हुआ, तू क्यों मूरख होय ।।
कामेश पाठक ―
मत पीछे हटना मोदी जी अब राष्टृधर्म की बात है ।
छोड़के चोर दलालों को सब देश तुम्हारे साथ है।
भूराज सिंह राजलायर ने पढ़ा-
वही साँचे वही खाँचे ढले तुम भी ढले हम भी ।
वही पगडंडियाँ उन पर चले तुम भी चले हम भी ।।
मगर कल आंकलन होगा हमारा भी तुम्हारा भी ।
वही भागीरथी के तट जले तुम भी जले हम भी ।।
शैलेन्द्र मिश्र देव ने पढ़ा―
लेकर अपनी टूटी कश्ती तूफानों में निकल पड़ा हूँ,
लहरें चाहे जो समझें मैं भी अपनी जिद पे अड़ा हूँ।
पानी की गहराई कितनी लोग किनारे से क्या जानें,
एक हुनर के बलबूते दरिया के सीने पे खड़ा हूँ।
विवेक राज़ ने पढ़ा―
पत्ते टहनी फूल फल, सब हो गए उदास।
दिनभर जब लौटा नहीं, माली इनके पास।|
आनंद पाठक बरेली ने पढ़ा―
बेटियाँ बचा लेंगें, बेटियाँ पढ़ाने से
ये कहावतें सारी, लग गईं ठिकाने से।
बेटियों की जानिब जो, हाथ उठ गया, काटो!
बेटियां नहीं बचतीं कैडिलें जलाने से।
सरिता चौहान ने पढ़ा―
सब नजर उससे फेर लेते हैं, वक्त जिससे नजर बदलता है l
तुम भी लहजा बदल के बात करो, कोई तेवर अगर बदलता है ll
वक्त के मारे को है कैसा सुकून, करवटें रात भर बदलता है |
उज्ज्वल वशिष्ठ ने पढ़ा – बदायूँ ―
वो जिन पैसों को जोड़ा था बड़ी मुश्किल से इक माँ ने,
वो गुल्लक माँ ही बेटों की बदौलत तोड़ देती है।
अजीत सुभाषित ने पढ़ा ―
फूल सी कोमल नहीं तुम बेटियां पैदा करो,
तोप तलवारें मिसाइल बरछियां पैदा करो,
बांसुरी, शहनाइयां, सारंगियों के दिन गए,
वक्त की यह मांग है चिंगारियां पैदा करो।।
काव्यपाठ करने वालो में कवित्री डाक्टर कमला माहेश्वरी, सुरेंद्र नाज, भूराज सिंह राजलायर, अभिषेक औदित्य, सरिता चौहान, राजेश शर्मा, गोपाल पाठक, कौशल कुमार, ने देर रात्री तक ग्रामिण आँचल ग्रामीणों की वाह वाही लूटी ।
इस मौके पर ग्रामीण आँचल में ऐसे कार्यक्रम को कराने के लिये युवा मंच संगठन के विधान सभा प्रभारी अमन गुप्ता, अंकित गुप्ता व सुरजीत चौहान को ग्रामीण युवा रत्न से सम्मानित किया गया । तथा
कार्यक्रम की मुख्य भूमिका उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष भारद्वाज, उपजा के जिलाध्यक्ष विष्णुदेव चाड़क, के०बी०गुप्ता, विपिन अग्रवाल, शिवस्वरूप गुप्ता, दिनेश बंटी, एड०, दिलीप गुप्ता, सर्वेश गुप्ता, सौरभ संजय गौ र, अभिनेश सिंह राठौर अंकित गुप्ता, सार्थक गुप्ता, सुमित शर्मा, एवं ध्रुव देव गुप्ता रहे।
from BT News 24 https://ift.tt/2MIkwnU
No comments:
Post a Comment