उझानी ।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में मुहल्ला श्री नारायणगंज स्थित प्रज्ञा मंडल के कैंप कार्यालय पर ‘‘वंदे मातरम‘‘ के कार्यक्रम के तहत बुजुर्गों और युवाओं ने क्रांतिकारी वीर विनायक दामोदर सावरकर के चित्र पर पुष्पार्चन किया। बच्चों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।
मुख्य अतिथि नशामुक्ति अभियान के जिला संयोजक रघुनाथ सिंह ने वीर सावरकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। उन्होंने कहा कि भारतवासियों पर हो रहे अंग्रेजों के अत्याचार वीर सावरकर को सहन न हुए। उन्होंने घर में प्रतिष्ठित मां दुर्गा के सम्मुख मनन-चिंतन कर प्रतिज्ञा कि ‘‘ मैं भारत माता की दास्य-श्रंखलाएं तोड़ने के लिए अपना जीवन अर्पण करता हूं। मैं गुप्त संस्थाएं खोलूंगा, शस्त्र बनाऊंगा और समय आने पर हाथ में लेकर भारत माता की स्वतंत्रता के लिए लड़ता-लड़ता मरूंगा।‘‘ भारत माता के सच्चे सपूत वीर सावरकर ने युवाओं में देशभक्ति का अनोखा जोश भरा।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि चरित्र नायक वीर विनायक सावरकर ने अपने देशभक्ति के अनोखे जज्बे से बुलंद भारत का निर्माण किया और क्रांतिकारियों के अग्रणी बन गए। सावकर ने अपने उज्ज्वल भविष्य, सुख-समृद्धि, सफल जीवन और सुनहरी आशाओं को त्याग कर भारत माता के लिए स्वयं बलिदान कर दिया। उन्होंने भारत भूमि की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजी ताकतों से लड़ना अपना गौरव समझा। विदेशियों ने सावकर को ‘हुतात्मा‘, यूरोपीय राजनीतिज्ञों ने मेजिनी, गैरीवाल्डी और वुल्फटोन आदि कहकर प्रशंसा की। अखिल भारतवर्ष ने ‘‘स्वतंत्र वीर‘‘ की उपाधि से विभूषित किया।
गायत्री शक्तिपीठ के नत्थूलाल शर्मा ने कहा कि वीर सावरकर में अभूतपूर्व नेतृत्व क्षमता थी। बाल गंगाधर तिलक, विपिन चंद्र पाल और लाला लाजपत राय से प्रेरित थे। सावरकर ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया और 1905 में विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर स्वदेशी आंदोलन की नींव रखी।
नरेंद्र कुमार ने कहा सावरकर ने अभिनव भारत राजनीतिक दल का निर्माण कर राष्ट्र को नई ऊर्जा प्रदान की।
उसहैत से आए पंकज कुमार ने कहा कि देशभक्त श्रीमती कामा ने वीर सावरकर द्वारा स्वीकृत भारत का स्वतंत्र राष्ट्रीय ध्वज विदेश में फहराकर साहसपूर्ण का कार्य किया। भारतीय देशभक्तों के रक्त से पवित्र राष्ट्रध्वज को सभी ने खड़े होकर वंदन किया।
भवेश शर्मा के नेतृत्व में बच्चों ने देशभक्ति गीत ‘‘ अगर हम नहीं देश के काम आए, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।‘‘ की शानदार प्रस्तुति दी। इस मौके पर नरेंद्र कुमार, सौरभ शर्मा, ध्रुव यादव, हेमंत, मृत्युंजय शर्मा आदि मौजूद रहे। संचालन सौरभ शर्मा ने किया।
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