डीएम साहब..पशुओं की खरीद फरोख्त के बाजार ही नहीं लग रहे हैं..कुर्बानी के जानवर कहाँ से लायें
बदायूं।
ईद-उल-जुहा बकरीद मजहब-ए-इस्लाम का कुर्बानी का बड़ा त्योहार है इस त्योहार में हर साहिवे निसाब मुसलमान पर अपने पसंदीदा भैंस , भैंसा , बकरी , बकरा आदि जानबरों पर कुर्बानी करना फर्ज हुआ है। कोरोना महामारी की वजहा से लगे लाकडाउन को लेकर गांवों में जानबरों की खरीद फरोख्त करने बाले पशु बाजार ही नहीं लग रहे हैं जहाँ से लोग कुर्बानी करने के लियें जानबरों की खरीदारी करते थे।
पशु बाजार नहीं लगने की वजहा से कुर्बानी के जानबरों की खरीदारी को मुस्लिम लोग गांव गांव भटकते फिर रहे हैं। बकरीद को आता देख पशु बाजार नहीं लगने की वजहा से गांव बालो ने भी हद कर दी है वह अपने जानबरों की कीमत भी खूब बडा चडा कर मांग रहे हैं। जिससे मुसलमान लोग बहुत परेशान होते दिखाई दे रहे हैं। लोगो का कहना है कि डीएम साहब लाकडाउन की वजहा से पशु बाजार तो लग नहीं रहे हैं । जिसकी वजह से लोगो को दर दर गांव गांव भटकना फिर रहा है आखिर कुर्बानी के जानबरों की खरीदारी कहाँ से की जाये।
* अफजल अज़ीज़ खान.. बदायूं
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