बदायूं।
दिनांक 11/08/20 को ग्राम सराय पिपरिया में
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के अवसर पर अशोक सक्सेना एवं नीलम सक्सेना ने हल्बा और क्रेक्स बाटकर जन्माष्टमी पर्व मनाया और कहा की दुनियाभर में इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. मुख्य रूप से यह पर्व भारत के उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. विदेशों में बसे भारत के लोग भी इसे पूरी आस्था व उल्लास के साथ मनाते हैं. आपको बता दें कि श्रीकृष्ण के कई रूप हैं और वे युगों-युगों से हमारी आस्था का केंद्र रहे हैं. उन्हें लोग यशोदा मैया के लाल के रूप में तो ब्रज के नटखट कान्हा व अन्य रूप में भी जानते हैं.इसलिये जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाया जाता है।और कहा कि अष्टमी तिथि का महत्व इसलिये है क्योंकि वह वास्तविकता के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्वरूपों में सुन्दर संतुलन को दर्शाता है, प्रत्यक्ष भौतिक संसार और अप्रत्यक्ष आध्यात्मिक दायरे।
और इसी मोके पर तान्या सक्सेना बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का अष्टमी तिथि के दिन जन्म होना यह दर्शाता है कि वे आध्यात्मिक और सांसारिक दुनिया में पूर्ण रूप से परिपूर्ण थे। वे एक महान शिक्षक और आध्यात्मिक प्रेरणा है और इसी मोके पर कोविड-19 से बचाव संबंधी उपाय के बारे में जानकारी दी और सोशल डिस्टेंसिंग दूरी 1 मीटर की एक दूसरे से रखने एवं घर से बाहर जाने पर नाक, मुंह, को गमछा, रुमाल, मास्क से ढककर रखने को प्रेरित किया। और बचाव हेतु साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोने के बारे में जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया।
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