इस चैत्र नवरात्रि में अपने घर में वास्तु में करें ये 10 बदलाव, जानिए टिप्स - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Monday, March 21, 2022

इस चैत्र नवरात्रि में अपने घर में वास्तु में करें ये 10 बदलाव, जानिए टिप्स

Navratri Durga Worship
 


इस वर्ष चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का पावन पर्व 2 अप्रैल 2022, शनिवार (Navratri poojan 2022) से प्रारंभ हो रहा हैं और इसका समापन 11 अप्रैल 2022, सोमवार के दिन होगा। यूं तो नवरात्रि के पूर्व सभी घरों में साफ-सफाई का कार्य किया जाता है और नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना पूरे विधि-विधान से की जाती है, लेकिन इस दौरान देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना के पहले अगर आप अपने घर के वास्तु में कुछ बदलाव करके माता का पूजन करते हैं तो निश्चित ही आपको पूजा-आराधना का फल तो मिलता ही है, साथ ही सुख-समृद्धि में निरंतर वृद्धि होती है। 

 

यहां पढ़ें 10 आसान टिप्स- 

 

1. वास्तु में ईशान कोण को देवताओं का स्थल बताया गया है इसलिए नवरात्र काल में माता की प्रतिमा या कलश की स्थापना इसी दिशा में की जानी चाहिए। इस दिशा में शुभता का वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी की उत्तर दिशा में चुंबकीय ऊर्जा का प्रवाह निरंतर होता रहता है, जिससे उस स्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता रहता है। 

 

2. अखंड ज्योति को पूजन स्थल के आग्नेय कोण में रखा जाना चाहिए, क्योंकि आग्नेय कोण अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। यदि नवरात्र पर्व के दौरान इस कोण में अखंड ज्योति रखी जाती है तो घर के अंदर सुख-समृद्धि का निवास होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। 

 

3. वैसे भी वास्तु में बताया गया है कि शाम के समय पूजन स्थान पर ईष्टदेव के सामने प्रकाश का उचित प्रबंध होना चाहिए। इसके लिए घी का दीया जलाना अत्यंत उत्तम होता है। इससे घर के लोगों की सर्वत्र ख्याति होती है। अत: घर के मंदिर में लाइट की व्यवस्था अवश्‍य रखें।
 

 

4. नवरात्र काल में यदि माता की स्थापना चंदन की चौकी या पट पर की जाए तो यह अत्यंत शुभ रहता है, क्योंकि वास्तुशास्त्र में चंदन को अत्यंत शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है जिससे वास्तुदोषों का शमन होता है। इस दौरान साधना किस दिशा में जा रही है, यह बात भी अहम है जिसका ध्यान रखा जाना चाहिए। 

 

5. नवरात्रि में पूजन के समय आराधक का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहना चाहिए, क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक है। साथ ही इस दिशा के स्वामी सूर्य देवता हैं, जो प्रकाश के केंद्रबिंदु हैं इसलिए साधक को अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए जिससे साधक की ख्याति चारों ओर प्रकाश की तरह फैलती है।


 

6. नवदुर्गा यानी नवरात्रि की नौ देवियां हमारे संस्कार एवं आध्यात्मिक संस्कृति के साथ जुड़ी हुई हैं। इन सभी देवियों को लाल रंग के वस्त्र, रोली, लाल चंदन, सिंदूर, लाल वस्त्र साड़ी, लाल चुनरी, आभूषण तथा खाने-पीने के सभी पदार्थ जो लाल रंग के होते हैं, वही अर्पित किए जाते हैं। नवरा‍त्र पूजन में प्रयोग में लाए जाने वाले रोली या कुमकुम से पूजन स्थल के दरवाजे के दोनों ओर स्वास्तिक बनाया जाना शुभ रहता है। इससे माता की कृपा साधक के सारे दुखों को हर सुखों के दरवाजे खोल देती है। 

 

7. साथ ही यह रोली, कुमकुम सभी लाल रंग से प्रभावित होते हैं और लाल रंग को वास्तु में शक्ति और सत्ता का प्रतीक माना गया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि आप विजयश्री को अपने मस्तक पर धारण करके अर्थात मुकुट बना के रोली या कुमकुम के माध्यम से पहन लेते हैं।

 

8. नवरात्रि के 9 दिनों तक चूने और हल्दी से घर के बाहर द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक चिह्न बनाना चाहिए। इससे माता प्रसन्न हो साधक को सुख और शांति देती है। घरों में अक्सर शुभ कार्यों में हल्दी और चूने का टीका भी लगाया जाता है जिससे वास्तु दोषों का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति पर नहीं होता है। 

 

9. पूजा स्थल को साथ-सुथरा रखना चाहिए। यदि आप ऐसी जगह पर हैं, जहां आपके ऊपर बीम है तो उसे ढंकने के लिए चांदनी का प्रयोग किया जाना चाहिए, जैसे हवन के समय यह बीचोबीच में लगाई जाती है। 

 

10. पृथ्वी अपनी धुरी पर 23 अंश पूर्व की ओर झुकी हुई है। इस कारण पृथ्वी पूर्व की तरफ हटकर 66.5 पूर्वी देशांतर से यह दैवीय ऊर्जा पृथ्वी में प्रविष्ट होती है, जो ईशान कोण क्षेत्र में पड़ता है। अत: इस नवरात्रि से पहले अपने घर का वास्तु सुधारें तथा मंदिर की व्यवस्था सही दिशा में करें ताकि पूजन का पूरा लाभ और मां दुर्गा की आप पर कृपा निरंतर बरसती रहें।

Navratri 2022

ALSO READ: चैत्र नवरात्रि में न करें ये 15 गलतियां, इन 10 शुभ कामों से करें देवी को प्रसन्न

ALSO READ: चैत्र नवरात्रि 2022 : इस बार 8 दिन की है या 9 दिन की जानिए यहां

 



from ज्योतिष https://ift.tt/H3vbkMw
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages