1. सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने लगता है तब नौतपा प्रारंभ होता है। 15 दिनों के लिए सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहता है इस दौरान धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। इन पंद्रह दिनों के पहले के 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है।
2. सूर्य 25 मई बुधवार को 8 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा जहां वह 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस बार सूर्य रोहिणी में 14 दिन तक ही रहेगा।
3. नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं।
4. मान्यता है कि यदि इन नौ दिनों के दौरान ही बारिश होने लगे तो इसे नौपता का गलना माना जाता है। फिर अच्छे मानसून की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
5. ज्योतिषियों का मानाना है कि इस बार शुरुआती 6 दिनों में गर्मी के साथ ही उमस भी बहुत रहेगी। नौ दिन में से अंतिम 3 दिन हवाएं खूब तेज चलेगी। कहीं-कहीं मध्यम बारिश की संभावना है तो कहीं बौछारें भी हो सकती है। इस बार मानसून अच्छा होगा।
6. नौतपा के दौरान किसी भी स्थिति में बगैर कुछ खाए पिए घर से न निकलें। खुले शरीर बाहर न निकलें, टोपी पहने, कानों को ढंककर रखें और आंखों पर धूप का चश्मा जरूर लगाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो। एसी से निकलते ही एकदम धूप या गर्मी में न जाएं।
7. प्रतिदिन प्याज खाएं और साथ में भी रखें। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फलों का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं। हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करें। तली हुई या मसालेदार चीज़ों से दूर रहें, यह आपका पेट खराब कर सकती हैं।
8. नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनें जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहे।
9. इन सबके अलावा समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार ग्लुकोज का सेवन करते रहें और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अनावश्यक न करें।
10. लू लगने के क्या लक्षण होते हैं यह पहले से ही जान लें। लू लगने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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