अक्षया तृतीया पर करें ये 10 शुभ काम :
1. श्रीहरि विष्णु की पूजा : श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ और श्री सूक्त का पाठ जीवन में धन, यश, पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति कराएगा। विष्णु भगवान की पूजा माता लक्ष्मी के साथ साथ करना चाहिए। भगवान विष्णु को पीला पुष्प अर्पित करें और पीला वस्त्र धारण कराकर घी के 9 दीपक जलाकर पूजा प्रारंभ करें।
2. रामरक्षा स्तोत्र का पाठ : जो लोग बीमारियों से ग्रस्त हैं उनको आज के दिन रामरक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
3. चांदी या सोना खरींदे : अक्षय तृतीया के दिन चांदी के सिक्के और स्वर्ण आभूषणों की खरीददारी करना शुभ होना है। इस दिन नए आभूषण की खरीदी करना भी लाभदायी होता हैं।
4. गृह प्रवेश या गृह निर्माण करें : इस शुभ मुहूर्त में नूतन गृह प्रवेश या गृह निर्माण प्रारंभ कर सकते हैं। इस दिन अविवाहित लोगों के लिए विवाह का अत्यंत शुभ मुहूर्त होता है।
5. नया व्यापार प्रारंभ : इस दिन दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ कर सकते हैं। इस दिन नए व्यापार का आरंभ करना भी लाभदायी होता हैं।
6. तीर्थ स्ना और तर्पण : अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है। अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें।
7. रामचरित मानस : इस दिन श्री रामचरितमानस के अरण्य काण्ड का पाठ करना चाहिए। इस काण्ड में भगवान राम ऋषियों और महान संतों को दर्शन देते हैं और उनके जन्म जन्मान्तर के पुण्य का फल प्रदान करते हैं। इस काण्ड का पाठ करने से भगवान श्री राम की भक्ति प्राप्त होती है।
8. विद्यारंभ : इस दिन कोई नया कार्य करना, विद्यारंभ करना, लेखन की शुरुआत करना शुभ होता है।
9. श्रीसूक्त का पाठ : अक्षय तृतीया ललिता सहस्त्रनाम व श्रीसूक्त का पाठ कर मां त्रिपुरसुन्दरी एवं माता लक्ष्मी का अर्चन करें।
10. तिजोरी में रखें ये : अक्षय तृतीया के दिन अपने पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर स्थापित करें। व्यापारीगण एकाक्षी नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इस दिन चांदी की डिब्बी में शहद और नागकेसर भरकर अपनी तिजोरी में रखें।
अक्षय तृतीया के 14 महादान :
1. कुंभ दान : जल से भरा मिट्टी का घड़ा मंदिर में दान करें। साथ ही कुल्हड़, सकोरे भी दान करें।
2. अन्न दान : इस दिन सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, चावल, दूध, दही, घी, फल, इमली, सब्जी, शहद, पंचमेवा, पंचधान, सीधा दान आवश्य करें।
3. वस्त्र दान : कुर्ता, पायजामा, धोति आदि।
4. पंखा।
5. खड़ाऊं।
6. श्रृंगार का सामान : दर्पण, कंघा, तिलक आदि।
7. पलंग, कंबल, चादर, गादी, रजाई, तकिया।
8. छाता।
9. गौ दान।
10. कॉपी किताब।
11. सोना या चांदी।
12. गौ या भूमि।
13. जुते-चप्पल।
14. पिण्डदान।
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