मंगल ग्रह के उपाय (Mangal grah ke upay):
1. मंगल की दिशा दक्षिण मानी गई है। दक्षिण दिशा में द्वार से दोगुनी दूरी पर एक नीम का पेड़ लगाएं।
2. नीम की दातुन करते रहने से शनि और मंगल के दोष दूर होते हैं। नीम की दातून करने से और भी कई ज्योतिष लाभ मिलते हैं।
3. आंखों में सफेद सुरमा लगाएं। सफेद सुरमा नहीं मिले तो काला सूरमा लगाएं।
4. घर से बाहर निकलते समय गुड़ खाना चाहिए। गुड़ खाएं और खिलाएं।
5. यदि आपको मंगल दोष है तो उज्जैन मंगलनाथ पर भात पूजा कराएं और अविवाहित हैं तो कुंभ विवाह करें।
6. भाई सौतेला हो या सगा उससे अच्छे संबंध रखें।
8. हनुमानजी की नित्य पूजा करें या हनुमान चालीसा पढें।
9. एक सफेद ध्वज हनुमान मंदिर या किसी पीपल के वृक्ष पर लगाएं।
10. मंगलवार के दिन गेहूं, गुड़, तांबा, मसूर, मूंगा, लाल वस्त्र, लाल फल, लाल फूल, लाल चंदन और लाल रंग की मिठाई आदि मंदिर में अर्पित करें।
मंगल के 7 मंत्र (Mangal grah ka mantra) :
1. हनुमान मंत्र- ॐ हनुमते नम:।
2. मंगल ग्रह का पौराणिक प्रार्थना मंत्र- 'ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।। '
3. मंगल ग्रह का जप मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:'
4. मंगल ग्रह का वैदिक मंत्र- ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अय्यम्। अपां रेतां सि जिन्वति।।
5. मंगल ग्रह का तांत्रिक मंत्र : ॐ अंगारकाय नम:।
6. मंगल ग्रह का गायत्री मंत्र : ॐ अंगारकाय विद्यहे शक्तिहस्ताय धीमहि, तन्नो भौम: प्रचोदयात्।
7. मंगल ग्रह का पूजा मंत्र : ॐ भोम भोमाय नम:।
मंगल स्तुति- (Mangal grah ki stuti) :
जय जय जय मंगल सुखदाता। लोहित भौमादित विख्याता।।
अंगारक कुज रूज ऋणहारी। दया करहु यहि विनय हमारी।।
हे महिसुत दितीसुत सुखरासी। लोहितांग जग जन अघनासी।।
अगम अमंगल मम हर लीजै। सकल मनोरथ पूरण कीजै।।
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