आपने अक्सर यह सुना होगा कि घर की रसोई में मां अन्नपूर्णा की वह तस्वीर लगानी चाहिए जिसमें वे भोलेनाथ को भिक्षा दे रही हैं। आइए जानते हैं क्या है कहानी, क्यों लगाना चाहिए भगवान शिव और दान करती मां अन्नपूर्णा की खास तस्वीर....
माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी हैं। इसलिए रसोई घर साफ रखना चाहिए और गंगा जल छिड़ककर घर को शुद्ध करना चाहिए। घर के किचन में मां अन्नपूर्णा की खास तस्वीर के साथ जुड़ी है एक कहानी, आइए पहले कहानी जानते हैं फिर जानेंगे कि क्यों इस तस्वीर को रसोई में लगाना शुभ होता है।
कहानी
जब धरती पर पानी और अन्न खत्म होने लगा तब हर तरफ हाहाकार होने लगा। तब इंसानों ने अन्न की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी की पूजा की। तब शिवजी ने धरती का भ्रमण किया और इसके बाद माता पार्वती ने अन्नपूर्णा रूप और भगवान शिव ने भिक्षु का रूप बनाया।
भगवान शिव ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा लेकर धरती पर बसे लोगों को बांटा। तभी से सभी देवों के साथ इंसानों ने भी मां अन्नपूर्णा की पूजा आराधना आरंभ कर दी।
मान्यता यह भी है कि सिद्ध धार्मिक नगरी काशी में अन्न की कमी के कारण बनी भयावह स्थिति से विचलित भगवान शिव ने अन्नपूर्णा देवी से भिक्षा ग्रहण कर वरदान प्राप्त किया था। इस पर भगवती अन्नपूर्णा ने उनकी शरण में आने वाले को कभी धन-धान्य से वंचित नहीं होने का आशीष दिया था।
मां अन्नपूर्णा को माता पार्वती का स्वरूप बताया गया है। पौराणिक हिन्दू ग्रंथों के अनुसार प्राचीन समय में किसी कारणवश धरती बंजर हो गई, जिस वजह से धान्य-अन्न उत्पन्न नहीं हो सका, भूमि पर खाने-पीने का सामान खत्म होने लगा जिससे पृथ्वीवासियों की चिंता बढ़ गई। परेशान होकर वे लोग ब्रह्माजी और श्रीहरि विष्णु की शरण में गए और उनके पास पहुंचकर उनसे इस समस्या का हल निकालने की प्रार्थना की।
इस पर ब्रह्मा और श्रीहरि विष्णु जी ने पृथ्वीवासियों की चिंता को जाकर भगवान शिव को बताया। पूरी बात सुनने के बाद भगवान शिव ने पृथ्वीलोक पर जाकर गहराई से निरीक्षण किया।
इसके बाद पृथ्वीवासियों की चिंता दूर करने के लिए भगवान शिव ने एक भिखारी का रूप धारण किया और माता पार्वती ने माता अन्नपूर्णा का रूप धारण किया।
माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगकर भगवान शिव ने धरती पर रहने वाले सभी लोगों में ये अन्न बांट दिया। इससे धरतीवासियों की अन्न की समस्या का अंत हो गया।
मां अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाने से लाभ
-अन्न के भंडार भरे रहते हैं। कभी कोई कमी नहीं आती।
-भोजन में सात्विकता और पवित्रता बनी रहती है।
- भोजन बनाते समय अपवित्र सोच और क्रोध नहीं आता है।
- जैसा खाए अन्न वैसा होवे मन, इस चित्र से मन में शांति रहती है तो अन्न में भी वही शांति उतर आती है।
- बरकत आती है, इस चित्र से घर में पैसे की बरकत बढ़ती है।
- रिश्तों में सरसता और संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
- प्यार पैसा प्रगति और प्रतिष्ठा बनी रहती है।
- यह तस्वीर किचन में सकारात्मकता लाती है।
मां अन्नपूर्णा का कैसे लगाएं फोटो
*किसी भी गुरुवार या शुक्रवार उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर सर्वप्रथम रसोईघर की अच्छे से साफ-सफाई करें।
*फिर गंगाजल छिड़क कर पूरे घर को पवित्र करें। उस दीवार को भी गंगाजल से स्वच्छ करें जिस पर तस्वीर लगानी है।
*तत्पश्चात जिस गैस, चूल्हे या स्टोव पर आप खाना पकाते हैं, उसकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और माता अन्नपूर्णा की प्रार्थना करें।
*किचन में भगवान शिव तथा अन्नपूर्णास्वरूप देवी पार्वती की आराधना करनी चाहिए और मां से विनती करें कि उनके घर में कभी भी अन्न की, खाने-पीने की कमी न रहे।
*इसके साथ ही अन्नपूर्णा माता के मंत्र, स्तोत्र, आरती तथा कथा का वाचन करके इस तस्वीर को किचन के उत्तर या पूर्व दिशा में चिपकाएं।। माता की कृपा से आपके घर के भंडार हमेशा भरे रहेंगे।
*इसके बाद भोजन पकाने वाले चूल्हे का हल्दी, कुमकुम, चावल, पुष्प, धूप और दीपक जलाकर पूजन करें।
*रसोई में ही माता पार्वती एवं भगवान शंकरजी की पूजा करें।
*मां अन्नपूर्णा की तस्वीर के सामने रसोई घर में ही 11 बार घर का हर सदस्य प्रार्थना करें कि हे माता हमारे घर-परिवार में सदैव अन्न जल भरा रहे।
*पूजन और तस्वीर लगाने के बाद अपने घर में बना हुआ भोजन गरीबों को जरूर खिलाएं।
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