पंचक : 16 जुलाई, शनिवार को सुबह 4:20 बजे से 20 जुलाई, बुधवार को दोपहर 12:50 बजे तक पंचक रहेगा।
1. मृत्यु पंचक : इस बार का पंचक ज्यादा नुकसान दायक है। इसे मृत्यु पंचक कहा जा रहा है। वार के अनुसार पंचक के लक्षण बताए जाते हैं। शनिवार से शुरू हुआ पंचक सबसे ज्यादा घातक होता है। इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है।
2. मरते हैं पांच लोग : गरुड़ पुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि यदि मृत्यु पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो उसके साथ उसी के कुल खानदान में पांच अन्य लोगों की मौत भी हो जाती है।
3. मृत्यु पंचक का समाधान : यदि पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाए और शव दाह करना अनिवार्य हो तो शव दाह करते समय पांच अलग पुतले बनाकर उन्हें भी शव के साथ आवश्य जलाएं।
नोट : पंचक में नहीं करते हैं ये पांच कार्य:- 1.लकड़ी एकत्र करना या खरीदना, 2. मकान पर छत डलवाना, 3. शव जलाना, 4. पलंग या चारपाई बनवाना और दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना।
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