मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त, उपाय, दान और सबसे सरल पूजा विधि, देवी का मिलेगा आशीर्वाद - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Monday, July 18, 2022

मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त, उपाय, दान और सबसे सरल पूजा विधि, देवी का मिलेगा आशीर्वाद

वर्ष 2022 में सावन मास का आरंभ 14 जुलाई से हो रहा है, जो कि 12 अगस्त तक जारी रहेगा। श्रावण सोमवार को जहां भगवान शिव जी का विशेष पूजन किया जाएगा, वहीं मंगलवार के दिन पार्वती जी का प्रिय मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) किया जाएगा।


इस सावन में 4 मंगलवार पड़ रहे हैं, जिसमें सुहागिनें सभी मंगलवार को मंगला गौरी माता का व्रत रखकर उनका पूजन-अर्चन करेंगी। इस बार पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई से शुरू होंगे। तथा 26 जुलाई, 2 अगस्त, 9 अगस्त 2022 तक किए जाएंगे।, मां मंगला गौरी को आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप माना जाता हैं। विशेष तौर पर मंगला गौरी व्रत मध्यप्रदेश, पंजाब, बिहार, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हिमाचलप्रदेश में प्रचलित है। 

 

श्रावण मास भगवान शिव को प्रिय है और इस दौरान आने वाला यह व्रत सुख और सौभाग्य से जुड़ा होने के कारण इसे सुहागिन महिलाएं करती हैं। इस व्रत-उपवास को करने का उद्देश्य अखंड सुहाग का वरदान पाना तथा संतान को सुखी जीवन की कामना करना है। श्रावण में आने वाला हर मंगलवार का दिन देवी पार्वती को अत्‍यंत प्रिय होने कारण ही इन दिनों माता गौरी का पूजन किया जाता है और इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है।

इस बार सावन के पहले मंगला गौरी व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, इस कारण यह व्रत कई मायनों में खास है। ज्योतिष के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग बहुत ही शुभ योग होने के कारण इस समयावधि में किया गया पूजन सभी मनोकामना पूर्ण करने वाला तथा सभी कार्यों में सफलता देता है। साथ ही इस दिन रवि योग और सुकर्मा योग भी बन रहा है। 

 

आइए यहां जानते हैं मंगला गौरी व्रत के बारे में विशेष जानकारी-

 

मंगला गौरी व्रत 2022 पूजन मुहूर्त : Mangala Gauri Pooja Muhurat 

 

19 जुलाई 2022 को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05.35 मिनट शुरू दोपहर 12.12 मिनट तक। 

रवि योग सुबह 05.35 से दोपहर 12.12 मिनट तक। 

सुकर्मा योग दोपहर 01.44 मिनट से शुरू, जो कि पूरी रात तक रहेगा। 

 

सरल पूजा विधि-mangla gauri vrat vidhi

 

- श्रावण मास के दौरान आने वाले हर मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें।

 

- नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा कोरे (नवीन) वस्त्र धारण कर व्रत करना चाहिए।

 

- मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें।

 

- फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें।

 

'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’

 

अर्थात्- मैं अपने पति, पुत्र-पौत्रों, उनकी सौभाग्य वृद्धि एवं मंगला गौरी की कृपा प्राप्ति के लिए इस व्रत को करने का संकल्प लेती हूं।

 

- तत्पश्चात मंगला गौरी के चित्र या प्रतिमा को एक चौकी पर सफेद फिर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित किया जाता है। 

 

- प्रतिमा के सामने एक घी का दीपक (आटे से बनाया हुआ) जलाएं। दीपक ऐसा हो जिसमें 16 बत्तियां लगाई जा सकें।

 

- फिर 'कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्...।।'

 

- यह मंत्र बोलते हुए माता मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।

 

- माता के पूजन के पश्चात उनको (सभी वस्तुएं 16 की संख्या में होनी चाहिए) 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें। इसके अलावा 5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज-धान्य (जिसमें गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर) आदि चढ़ाएं।

 

- पूजन के बाद मंगला गौरी की कथा सुनी जाती है।

 

- इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है। 

 

- शिवप्रिया पार्वती को प्रसन्न करने वाला यह सरल व्रत करने वालों को अखंड सुहाग तथा पुत्र प्राप्ति का सुख मिलता है। 

 

उपाय-mangala gauri vrat ke upay  

 

- श्रावण मास में या मंगला गौरी व्रत के दिन श्री मंगला गौरी मंत्र- ॐ गौरीशंकराय नमः का अधिक से अधिक जाप करें। 

 

- एक लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयन कक्ष में रखनी चाहिए। इस उपाय से इस दोष में कमी आती है। 

 

- मंगला गौरी व्रत के दिन एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए। 

 

- मंगलवार के दिन बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।

 

- एक लाल वस्त्र में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।

 

दान-Daan Samgri 

 

मंगला गौरी व्रत के दिन निम्न चीजों का दान करना चाहिए- 

- मिठाई

- सुहाग सामग्री

- मसूर की दाल

- गेहूं 

- तांबा

- सोना 

- लाल पुष्प

- लाल वस्त्र 

- पूजन सामग्री

- लाल चंदन

- केसर 

- कस्तूरी

- लाल बैल 

- चांदी की वस्तुएं (जैसे पायल, बिछुड़ी, कंगन, अंगूठी) 

- भूमि दान करना चाहिए।

मंगला गौरी व्रत बहुत ही फलदायी माना गया है, यह अखंड सुहाग, संतान की रक्षा तथा संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए भी यह व्रत बहुत महत्व रखता है। यह दांपत्य जीवन की समस्या दूर करके घर में हो रहे कलह तथा सभी कष्टों से मुक्ति देता हैं। 



ALSO READ: सावन में घर में ले आएं ये 10 शुभ चीजें, बदल जाएंगे दिन, चमक जाएगी किस्मत

ALSO READ: कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना, कावड़ यात्रा 14 जुलाई से शुरू, जानिए नियम




from ज्योतिष https://ift.tt/L4jEZ8W
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages