सावन स्कंद षष्ठी कब है, कैसे करें पूजन, क्या बोलें मंत्र - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Friday, July 29, 2022

सावन स्कंद षष्ठी कब है, कैसे करें पूजन, क्या बोलें मंत्र

Lord Kartikey
 

Sawan Skanda Shashti 2022 सावन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय का प्रिय स्कन्द षष्ठी व्रत पड़ रहा है। इस बार यह व्रत 03 अगस्त, दिन बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिवशंकर और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वैसे भी अभी श्रावण मास चल रहा है और इस महीने में भगवान शिव तथा उनके पूरे परिवार का पूजन करना अतिमहत्वपूर्ण माना गया है। 

 

मान्यता के अनुसार स्कन्द षष्ठी व्रत (Skanda Sashti 2022) संतान प्राप्ति, सभी मनोकामना पूर्ति करने के साथ ही, जीवन की समस्त बाधा और हर तरह की पीड़ा का निवारण करता है। इतना ही नहीं यह व्रत संतान के जीवन में आ रहे कष्टों को भी दूर करने वाला माना गया है। इस व्रत को कुमार षष्ठी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय का विधिवत पूजन किया जाता है। 

 

इस बार सावन स्कंद षष्ठी तिथि का प्रारंभ 03 अगस्त 2022, बुधवार को प्रात: 05.41 मिनट से शुरू होकर 04 अगस्त 2022 को प्रात: 05.40 मिनट पर समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार इस बार सावन स्कंद षष्ठी व्रत बुधवार, 03 अगस्त को रखा जाएगा। आइए जानते हैं पूजन विधि और मंत्र- 

 

मंत्र-skand sasthi Mantra 

 

- 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात'।

 

- 'ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कन्दा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।'

 

पूजा विधि-Puja Vidhi 

 

- स्कन्द षष्ठी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठ कर घर की साफ-सफाई करें। 

- प्रातःकाल दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

- व्रतधारी इस दिन दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करें।

- अब भगवान कार्तिकेय के साथ शिव-पार्वती जी की प्रतिमा को स्थापित करें।

- पूजन में घी, दही, जल, पुष्प से अर्घ्य प्रदान करके कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, इत्र आदि से पूजन करें।

- इस दिन 'देव सेनापते स्कन्द कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥' मंत्र से कार्तिकेय का पूजन करें। 

- मौसमी फल, पुष्प तथा मेवे का प्रसाद चढ़ाएं। 

- भगवान कार्तिकेय से क्षमा प्रार्थना करें और पूरे दिन व्रत रखें।

- सायंकाल के समय पुनः पूजा के बाद भजन, कीर्तन और आरती करने के बाद फलाहार करें।

- रात्रि में भूमि पर शयन करें।

Skanda Sashti

ALSO READ: गुरु की वक्री चाल में क्या करें उपाय, जानिए गुरु के 10 शुभ दान

ALSO READ: Hariyali Teej 2022: कुंवारी लड़कियां हरियाली तीज का व्रत कैसे करें?




from ज्योतिष https://ift.tt/KgdflTS
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages