हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,मुण्डन,सगाई,गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते।
शुक्र के तारे की अस्तोदय अवधि-
-संवत् 2079 अश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी, दिनांक 1 अक्टूबर 2022 दिन शनिवार को शुक्र का तारा अस्त होगा जो संवत् 2079 मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अमावस, दिनांक 23 नवम्बर 2022 दिन बुधवार को उदित होगा। इस अवधि में शुक्र तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण समस्त मांगलिक एवं शुभकार्य वर्जित रहेंगे।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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