देव प्रबोधिनी एकादशी : देवी तुलसी के 8 पवित्र नाम और देवता को उठाने का मंत्र कौन सा है? - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Wednesday, November 2, 2022

देव प्रबोधिनी एकादशी : देवी तुलसी के 8 पवित्र नाम और देवता को उठाने का मंत्र कौन सा है?

Dev Uthani Ekadashi 2022
 

देवउठनी एकादशी या ग्यारस (dev uthani ekadashi 2022) के दिन भगवान श्री विष्णु 4 महीने के पश्चात जाग्रत होते हैं। और इसी दिन तुलसी पूजन तथा तुलसी विवाह करने की भी पुरानी परंपरा है। धर्म-पुराणों में वह मंत्र और श्लोक वर्णित है जिसे भगवान श्रीहरि को उठाने के समय बोला जाता है। 

 

स्वयं नारायण श्रीहरि तुलसी को अपने मस्तक पर धारण करते हैं। यह मोक्षकारक है। अत: ईश्वर की उपासना, पूजा व भोग में तुलसी के पत्तों का होना अनिवार्य माना गया है। इस दिन तुलसी पूजा के लिए घी का दीपक, धूप, सिंदूर, चंदन, नैवद्य और पुष्प अर्पित किया जाता हैं।

इसी तरह इस दिन मां तुलसी के 8 नामों का मंत्र या उनके 8 नाम को बोलने मात्र से माता तुलसी, भगवान श्री विष्णु तथा मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपना शुभाशीष देते हैं। पुराणों में इस तिथि को संपन्न पूजन कार्य को अत्यधिक फलदायी माना गया है। यहां पाठकों के लिए खास तौर पर प्रस्तुत हैं देव को जगाने का खास मंत्र एवं माता तुलसी के 8 पवित्र नाम और उनका मंत्र- 

 

देवउठनी या देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन घर में विराजित मां तुलसी के सामने बोले ये 8 नाम या मंत्र- 

 

तुलसी के 8 नाम- पुष्पसारा, नन्दिनी, वृंदा, वृंदावनी, विश्वपूजिता, विश्वपावनी, तुलसी और कृष्ण जीवनी। 

 

तुलसी के 8 नामों का मंत्र- 

वृन्दा वृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नन्दनीच तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतनामाष्टकं चैव स्रोतं नामर्थं संयुक्तम। य: पठेत तां च सम्पूज् सौऽश्रमेघ फललंमेता।।

 

दिव्य देव प्रबोधन मंत्र- 

 

ब्रह्मेन्द्ररुदाग्नि कुबेर सूर्यसोमादिभिर्वन्दित वंदनीय,

बुध्यस्य देवेश जगन्निवास मंत्र प्रभावेण सुखेन देव।

 

* अर्थात- ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अग्नि, कुबेर, सूर्य, सोम आदि से वंदनीय, हे जगन्निवास, देवताओं के स्वामी आप मंत्र के प्रभाव से सुखपूर्वक उठें।

 

देवोत्थान हेतु इस प्रकार स्तुति करते हैं-

 

उदितष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते,

त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्‌।

उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव॥

 

* दरअसल देव प्रबोधन एकादशी भगवान विष्णु की आराधना का एक अभिनव अवसर है। देव प्रबोधन एकादशी को प्रातःकाल (ब्रह्म मुहूर्त) में नगर-नगर में भगवान नाम स्मरण, रामधुन (श्रीराम जय राम, जय-जय राम) कीर्तन गाजे-बाजे के साथ बालक, युवा, वृद्ध नर-नारी शामिल होकर नगर परिक्रमा करते हैं तथा आतिशबाजी के साथ देवोत्थान उत्सव मनाते हैं।

 

इसके साथ ही इस दिन गृह लक्ष्मी को हाथ में कलश के ऊपर दीप प्रज्वलित करके चलना चाहिए। इससे अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। हरि-जागरण के उपरांत ही शुभ-मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं। इतना ही नहीं प्रतिदिन घर में तुलसी पूजन करने से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र रहता है तथा इस पौधे में कई ऐसे तत्व भी होते हैं जिनसे कीटाणु पास नहीं फटकते हैं। 

dev uthani ekadashi

ALSO READ: देव उठनी एकादशी से शुरू होंगे शादी के मुहूर्त, जानिए कब-कब बजेगी शहनाई

ALSO READ: Dev Uthani ekadashi 2022 : तुलसी विवाह के दिन पढ़ें पवित्र 'श्री तुलसी चालीसा', मिलेंगे कई वरदान

 

 



from ज्योतिष https://ift.tt/AmNiGjx
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages