Ganga Jal
आज गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2023) पर्व है। और इस दिन गंगाजल का उपयोग कई प्रकार से किया है। गंगा शिवजी की जटाओं से निकलने के कारण ही गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। मान्यतानुसार प्राचीनकाल के ऋषि-मुनि अपने कमंडल में गंगा का जल ही रखते थे और उसी जल को हाथ में लेकर या किसी के उपर छिड़कर उसे वरदान या श्राप देते थे।
धार्मिक मान्यता के अनुसार गंगा नदी में स्नान करने से 10 पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। यदि आप गंगा स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। अत: इसके इस्तेमाल से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। अत: गंगाजल सबसे पवित्र जल माना गया है। आज के दिन गंगाजल के निम्न उपाय अवश्य करने चाहिए।
गंगाजल के उपाय : Uses of Gangajal
1. गंगा को पापमोचनी नदी कहा जाता है, अत: आज के दिन गंगाजल से स्नान करने से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं।
2. गंगा दशहरा के दिन पूजा-अर्चना, अभिषेक तथा धार्मिक अनुष्ठानों में गंगाजल का प्रयोग करना बहुत ही पुण्यदायी माना गया है।
3. मान्यतानुसार किसी भी व्यक्ति को मरते समय ययदि गंगाजल पिलाया जाए तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
4. गंगाजल को पीने से प्राणवायु बढ़ती है। इसीलिए गंगाजल का आचमन किया जाता है।
5. गंगाजल से ही जन्म, मरण या ग्रहण के सूतक का शुद्धिकरण किया जाता है। अत: इस दौरान गंगाजल का उपयोग अवश्य करें।
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