14 सितंबर को है कुशोत्पाटिनी अमावस, क्या है महत्व! - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Thursday, September 14, 2023

14 सितंबर को है कुशोत्पाटिनी अमावस, क्या है महत्व!

 

bhadrapada amavasya 2023 ; ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सही व शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य कभी निष्फल नहीं होता, उसके सफल होने की पूर्ण संभावना होती है। ऐसे कई विशेष मुहूर्त होते हैं जैसे गुरुपुष्य, रविपुष्य, सर्वार्थसिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग आदि। शास्त्रानुसार हमारे हिन्दू कर्मकांडों में 'पावित्री का विशेष महत्व बताया गया है। बिना पावित्रीधारण किए कोई कर्मकांड पूर्ण नहीं माना जाता है। 

 

'पावित्री कुशा से बनी अंगूठी अथवा स्वर्ण से बनी अंगूठी को कहा जाता है। 'पावित्री बनाने के लिए कुशा को उखाड़ा जाता है। यह कार्य केवल अमावस को ही संपन्न किया जाता है। अमावस को उखाड़ा गया कुशा एक माह तक पवित्र व शुद्ध माना गया है। शास्त्रानुसार तीर्थ स्नान, संध्योपासन, पूजन, जप, होम, पितृकर्म, तर्पण आदि में पावित्री धारण करना आवश्यक है।

 

'पावित्री धारण के नियम-

 

- स्वर्ण से बनी 'पावित्री (अंगूठी) कुशा की पावित्री' से अधिक शुद्ध मानी जाती है। 

- 'पावित्री' पहनकर भोजन करने से उसका त्याग करना आवश्यक होता है। 

- दो कुशों से बनी 'पावित्री' को दाहिने हाथ की अनामिका के मूल में धारण किया जाता है।

- तीन कुशों से बनी 'पावित्री' को बाएं हाथ की अनामिका के मूल में धारण किया जाता है।

 

कुशोत्पाटन (कुशा उखाड़ने) के नियम-
 

- प्रत्येक मास की अमावस को उखाड़ा गया कुश एक माह तक शुद्ध व उपयोगी रहता है।

 

- भाद्रपद मास की अमावस जिसे कुशोत्पाटनी अमावस कहा जाता है, इस दिन उखाड़ा गया कुश एक वर्ष तक पवित्र व उपयोगी होता है, इसीलिए 'कुशोत्पाटिनी' अमावस का विशेष महत्व होता है।

 

- कुश को सदैव 'हुं फट्' बीज मंत्र के उच्चारण के साथ एक बार में उखाड़ना चाहिए। जिस कुशा का अग्रभाग कटा हो, जो मार्ग में हो, जो अशुद्ध स्थान में हो ऐसे कुश को नहीं उखाड़ना चाहिए।

 

- कुशा को उखाड़ते समय श्वेत वस्त्र धारण करके पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख होकर कुशा उखाड़ना चाहिए। 

 

- कुशा सदैव प्रात:काल ही उखाड़ना चाहिए।

 

14 सितंबर को है 'कुशोत्पाटनी अमावस' : 
 

इस वर्ष 14 सितंबर 2023, दिन गुरुवार, भाद्रपद मास की 'कुशोत्पाटनी अमावस्या' है। जो साधक साधना एवं कर्मकांड के लिए कुशोत्पाटन करना चाहते हैं वे इस दिन उपर्युक्त विधि से कुशोत्पाटन कर सकते हैं।

 

-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया

प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 

ALSO READ: हिन्दू माह भाद्रपद के प्रमुख व्रत और त्योहार जानिए

ALSO READ: Astrology : गुरुवार को महिलाएं बाल क्यों नहीं धोती हैं?




from ज्योतिष https://ift.tt/BFCydvU
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages