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Tuesday, October 10, 2023

indira ekadashi 2023: इंदिरा एकादशी आज, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

 

Indira Ekadashi 2023: आश्‍विन माह के कृष्ण पक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह पितृ श्राद्ध पक्ष यानी 16 श्राद्ध में आती है। वैसे तो वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं। अधिकमास होने से 26 एकादशियां रहती हैं। इस वर्ष 10 अक्टूबर को इंदिरा एकादशी व्रत किया जा रहा है। 

 

आइए जानते हैं कि इस एकादशी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त-  

10 अक्टूबर 2023, मंगलवार को इंदिरा एकादशी व्रत के शुभ मुहूर्त

 

इंदिरा एकादशी मंगलवार, अक्टूबर 10, 2023 को

एकादशी तिथि प्रारंभ- 9 अक्टूबर 2023 को 04.06 ए एम से,  

एकादशी तिथि समाप्त- 10 अक्टूबर 2023 को 06.38 ए एम पर होगी। 

 

पारण के दिन द्वादशी का समापन समय- 11 अक्टूबर, बुधवार को 09.07 ए एम पर। 

पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 11 अक्टूबर को 05.08 ए एम से 07.35 ए एम तक। 

अक्टूबर 10, 2023, मंगलवार : दिन का चौघड़िया

चर- 08.12 ए एम से 09.44 ए एम

लाभ- 09.44 ए एम से 11.16 ए एम

अमृत- 11.16 ए एम से 12.48 पी एम

शुभ- 02.20 पी एम से 03.52 पी एम

 

रात्रि का चौघड़िया

लाभ- 06.52 पी एम से 08.20 पी एमकाल रात्रि

शुभ- 09.48 पी एम से 11.16 पी एम तक।

अमृत- 11.16 पी एम से 11 अक्टूबर को 12.44 ए एम तक। 

चर- 12.44 ए एम से 11 अक्टूबर को 02.12 ए एम तक।

 

आज का शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त- 03.34 ए एम से 04.21 ए एम 

प्रातः सन्ध्या 03.58 ए एम से 05.08 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 10.52 ए एम से 11.41 ए एम 

विजय मुहूर्त- 01.19 पी एम से 02.08 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 05.24 पी एम से 05.47 पी एम 

सायाह्न सन्ध्या 05.24 पी एम से 06.34 पी एम

अमृत काल 09.33 पी एम से 11.21 पी एम 

निशिता मुहूर्त- 10.52 पी एम से 11.39 पी एम

 

पूजन विधि- 

आश्विन कृष्ण दशमी के दिन प्रात:काल श्रद्धापूर्वक स्नान करके अपने पितरों का श्राद्ध करके एक बार भोजन करें। 

अगले दिन प्रात: होने पर एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत के नियमों को ग्रहण करते हुए यह प्रतिज्ञा करना चाहिए कि मैं आज संपूर्ण भोगों को त्याग कर निराहार एकादशी का व्रत करूंगा।

पूजन के लिए शालिग्राम की मूर्ति को स्थापित करें। 

फिर उसे पंचामृत से स्नान कराएं और प्रार्थना करें कि, 'हे अच्युत! हे पुंडरीकाक्ष! मैं आपकी शरण में हूं, आप मेरी रक्षा कीजिए, मेरी पूजा स्वीकार करें।'

भगवान को मिष्ठान्न का भोग लगाएं।

पूजन समाप्त होने पर आरती करें।

अब ब्राह्मण भोज तैयार करें और उन्हें भोजन करावाकर दान-दक्षिणा दें।

इंदिरा एकादशी व्रत की कथा का पढ़ें अथवा सुनें।

रात्रि जागरण करके व्रत को पूर्ण करके अगले दिन पारण करें। 

 

इंदिरा एकादशी- आश्‍विन माह में इंदिरा एवं पापांकुशा एकादशी आती है। पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली इंदिरा एकादशी के व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति होती है जबकि पापांकुशा एकादशी सभी पापों से मुक्त कर अपार धन, समृद्धि और सुख देती है।

पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। इंदिरा एकादशी के दिन विधिवत रूप से व्रत करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे नया जीवन प्राप्त करते हैं।

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