पौष पूर्णिमा के 10 उपाय- Paush Purnima Remedies:-
1. स्नान, तर्पण और दान : पौष पूर्णिमा के दिन यदि आप पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो पानी में गंगा जल मिलाकर और कुश हाथ में लेकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद तर्पण और दान करें।
2. पीपल पूजा : पौष पूर्णिमा पर भी पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। अत: सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ा कर जल अर्पित करें। शाम को पीपल के पास दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा पौष पूर्णिमा की रात में चंद्रोदय पर अपने घर के मंदिर में धनलाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख रखें। इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करने से लाभ होगा।
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3. चंद्र पूजा : चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से चंद्रमा की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है। अत: पौष पूर्णिमा के दिन चावल का दान करना अतिशुभ होता है। पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम:' अथवा 'ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:' मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। इससे जीवन में चल रही आर्थिक समस्या खत्म होती है। पौष पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी चंद्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य दें, इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
4. सूर्य पूजा : पौष पूर्णिमा के दिन तांबे के कलश में जल लेकर उसमें रोली, अक्षत और लाल रंग के पुष्प डालें तथा मंत्र 'ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।' आदि बोलते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें तथा इस प्रकार से अर्घ्य दें कि जल की धारा के बीच से उगते हुए सूर्य के दर्शन हो सके। इससे जीवन में संपन्नता आती है।
5. लक्ष्मी पूजा : पौष पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगंधित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए। धन, सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर में धन की कमी नहीं होती है। हर पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर लक्ष्मी जी के सामने रखकर उन पर हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखें। इस उपाय से हमेशा लक्ष्मी देवी की कृपा बनी रहेगी। पौष पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण, देवी शाकंभरी तथा माता अन्नपूर्णा देवी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। अत: इस दिन पूजन करना ना भलें।
नियम :-
1. तामसिक भोजन न करें और न ही शराब का सेवन करें।
2. गृहकलेश न करें और न ही किसी भी प्रकार का कोई विवाद करें।
3. किसी का भी अपमान न करें और न ही कटु वचन बोलें।
4. घर और शरीर को गंदा न रखें।
5. भगवान सत्यनाराण की पूजा जरूर करें।
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