कोरिया/बैकुण्ठपुर । योग से स्वस्थ्य तन एवं स्वस्थ्य चिन्तन का निर्माण – संजय गिरि ; डाइट कोरिया में व्याख्याताओं के प्रथम बैच की योग प्रशिक्षण सम्पन्न ।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ( डाइट) कोरिया के तत्वाधान एवम डाइट कोरिया प्राचार्य योगेश शुक्ला व योग प्रभारी राधामोहन प्रसाद, अरुण वर्मा के मार्गदर्शन में योग मास्टर ट्रेनर सुशील शर्मा, संजय गिरि, विश्वजीत पटेल, अरुण वर्मा के द्वारा व्याख्याताओं की छः दिवसीय योग प्रशिक्षण का समापन सलका बैकुण्ठपुर स्थित डाइट कोरिया में किया गया।इस प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों व व्याख्याताओं को ट्रेनर सुशील गुप्ता के द्वारा सूक्ष्म व स्थूल व्यायाम का अभ्यास, ट्रेनर विश्वजीत पटेल व अरुण वर्मा के द्वारा आसनों के अभ्यास व ट्रेनर संजय गिरि के द्वारा मुख्य रूप से वैज्ञानिक ढंग से प्राणायाम के महत्व आवश्यकताएं व लाभ बताते हुए उनके अभ्यास कराए। इस अवसर पर श्री गिरि नें उपस्थित व्याख्याताओं को प्राणायाम का तनाव पर होने वाले प्रभाव, षट्चक्रों का परिचय, मानसिक व्याधियों में योग- प्राणायाम से उपचार व जीवन कौशलों के विकास में योग की भूमिका पर विस्तार से बताते हुए कहा कि बच्चे ही आगे चलकर युवा व प्रौढ़ बनने वाले हैं। यदि बचपन में ही योगाभ्यास उनकी आदतों, स्वभाव या जीवनशैली का हिस्सा बन जाता है तो वे उम्र के साथ होने वाली बहुत सी शारीरिक- मानसिक बीमारियों से बच सकतें हैं और बीमारियों पर होने वाले लाखों करोड़ों के अनावश्यक खर्चे को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। इस प्रकार योग से स्वस्थ्य तन व स्वस्थ्य चिंतन का निर्माण कर हम एक स्वस्थ, समृद्ध एवं संस्कारवान भारत का निर्माण कर सकतें है।
” जीवन कौशल” पर विचार व्यक्त करते हुए श्री गिरि ने बताया कि जीवन कौशल जीवन जीने के वे विचार या योग्यताएं हैं जो कि मानसिक सुदृढ़ता व विशेष कार्यक्षमता को नवयुवकों में उपजाने में सहायक होते हैं, जिससे वे अपने भावी जीवन की कठिनाइयों के हल हेतु अपेक्षित कौशलों को सीख सके। ये जीवन कौशल विशेष रूप से विद्यार्थियों को स्कूल संस्था की चारदीवारी एवं संकीर्ण सोच से निकालकर समाज में खुलकर आगे आने तथा आत्मविश्वासपूर्वक अपनी भूमिका को निभा पाने में बहुपयोगी है।इस दौरान शिक्षकों को ट्रेनर विश्वजीत पटेल ने जल नेति व कुंजल क्रिया का अभ्यास कराया व उनके लाभ बताए।
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