1. अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें। उसके साथ एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछली रखें ! इसे उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें। यदि कोई मछली मर जाए तो उसको निकाल कर नई मछली लाकर उसमें डाल दें।
2. एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जाएं। प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें। धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी।
3. चक्की पर गेहूं पिसवाने जाते समय तुलसी के ग्यारह पत्ते गेहूं में डाल दें। एक लाल थैली में केसर के 2 धागे और थोड़े से गेहूं डालकर मंदिर में कुछ हिस्सा रखकर कुछ वा पिसवाकर पिसवाने वाले गेंहू में मिला दें, धन में बरकत होगी और घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होगा। आटा केवल सोमवार या शनिवार को पिसवाएं।
4. प्रत्येक शुक्रवार को नियम से किसी भूखे को भोजन कराएं और रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाएं। ऐसा नियमित करने से अपनी अचल सम्पति बनेगी या पैतृक सम्पति प्राप्त होगी। अगर सम्भव हो तो प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात् निम्न मंत्र का जाप करें। “ॐ पद्मावती पद्म कुशी वज्रवज्रांपुशी प्रतिब भवंति भवंति।।´´
5. पांच लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें। इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें। अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। हर संकट से मुक्ति मिलेगी।
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