Nag Panchami 2022: इस बार नागपंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन, सरल पूजा विधि - FULLSKY NEWS

FULLSKY NEWS - India's most trusted Autobloging Blogspot For Latest Breaking News And Headlines

Breaking

Monday, August 1, 2022

Nag Panchami 2022: इस बार नागपंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन, सरल पूजा विधि

Nagpanchami Puja Vidhi: नागपंचमी का त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है। अष्टनागों से से एक वासुकी नाग शिवजी के गले में विराजमान है। आओ जानते हैं कि कब है नागपंचमी, क्या करते हैं इस दिन और जानिए सरल पूजा विधि।

 

कब है नाग पंचमी 2022 : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 2 अगस्त 2022 मंगलवार के दिन यह पर्व मनाया जाएगा।

 

क्या करते हैं इस दिन :

1. इस दिन शिव पूजा के साथ अष्टनागों की पूजा होती है।

2. इसकी के साथ नागों की देवी वासुकी की बहन मनसादेवी और उनके पुत्र आस्तिक मुनि की पूजा भी करते हैं।

3. इस दिन नाग माता कद्रू, बलरामजी की पत्नी रेवती, बलरामजी की माता रोहिणी और सर्पो की माता सुरसा की वंदना भी करते हैं।

4. किसान लोग अपनी नई फसल का तब तक उपयोग नहीं करते जब तक वह नए अनाज से नाग की बांबी को रोट न चढ़ाएं।

5.नाग की बांबी की भी पूजा करते हैं।

6. इस दिन विषयोग और कालसर्प दोष की पूजा भी होती है।

7. इस दिन नागदेव के लिए व्रत भी रखा जाता है।

8. नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं।

9. इस दिन चांदी के नाग नागिन की पूजा होती है। चांदी के नाग नागिन न हो तो एक बड़ीसी रस्सी में सात गांठें लगाकर उसे सर्प रूप में पूजते हैं।

10. किसी नाग मंदिर या स्थान पर जाकर पूजा करने का ज्यादा महत्व है।

नागपंचमी पर नागों की पूजा : 

 

1. नित्यकर्म से निवृत्त होकर नाग पूजा के स्थान को साफ करें।

 

2. पूजा स्थान पर उचित दिशा में लकड़ी का एक पाट या चौकी लगाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछा दें।

 

3. अब उस पाट पर नाग का चित्र, मिट्टी की मूर्ति या चांकी के नाग को विराजमान करें।

 

4. अब चित्र या मूर्ति पर गंगाजल छिड़कर उन्हें स्नान कराएं और उनको नमस्कार करके उनका आह्‍वान करें।

 

5. फिर हल्दी, रोली (लाल सिंदूर), चावल और फूल लेकर नाग देवता को अर्पित करें। उनकी पंचोपचार पूजा करें।

 

6. उसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग मूर्ति को अर्पित करते हैं।

 

7. पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारी जाती है।

 

8. अंत में नागपंचमी की कथा अवश्य सुनते हैं।

 

9. इसी तरह से संध्या को भी पूजा आरती करें।

 

10. पूजा आरती के बाद दान आदि देकर व्रत का पारण कर सकते हैं।

 



from ज्योतिष https://ift.tt/Lr34ZSw
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages