हिंदू नव वर्ष 2023 की कुंडली वृश्चिक लग्न में हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हुई है। वृश्चिक लग्न के स्वामी मंगल हैं जो कुंडली के अष्टम भाव में मिथुन राशि में स्थित हैं। ऐसे में शनिदेव तृतीयेश और चतुर्थेश होकर चतुर्थ भाव में स्थित हैं, जबकि पंचम भाव में मीन राशि में चार ग्रहों की युति बनी है जिससे चतुर्ग्रही योग बना है।
सूर्य, चंद्र, बुध और गुरु चारों ही मीन राशि में विराजमान हैं। बृहस्पति द्वितीयेश होने के साथ-साथ पंचमेश भी हैं। बुध अष्टमेश और एकादशेश हैं। इस कुंडली के दशमेश सूर्य और चंद्रमा भाग्येश हैं। इसी के चलते इस कुंडली में 2 प्रकार के राजयोग बने हैं। प्रथम गुरु और बुध के साथ होने से मीन राशि में नीच भंग राजयोग और दूसरा चंद्र और सूर्य दोनों के संयोग से भाग्याधिपति कर्माधिपति राजयोग बना है।
उपरोक्त ग्रह नक्षत्रों और राजयोग के चलते नए संवत में मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला और धनु राशि के जातकों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। सभी तरह के अटके कार्य पूर्ण होंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। अब तक जिन समस्याओं से लड़ना पड़ रहा था उनका समाधान होगा। आने वाले समय में सुधार होगा।
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