Jyeshtha Month Amavasya
हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या (Amavasya 2023) उदयातिथि के अनुसार दिन शुक्रवार, 19 मई 2023 को मनाई जाएगी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि (Amavasya Tithi) को 'वट सावित्री अमावस्या' के नाम से जाना जाता है।
मान्यतानुसार हर माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। अमावस्या के दिन प्रेतात्माएं अधिक सक्रिय रहती हैं, अत: चतुर्दशी और अमावस्या के दिन बुरे कार्यों तथा नकारात्मक विचारों से दूरी बनाना उचित रहता है। इन 2 दिनों में धर्म-कर्म के कार्य, मंत्र, पूजा-पाठ, पितृ तर्पण, नदी स्नान आदि कार्यों करना अच्छा माना गया है।
भारतीय धर्म संस्कृति में अमावस्या का दिन स्नान-दान की दृष्टि से अधिक महत्व का माना गया है। पुराण के अनुसार अमावस्या के दिन पितृ अपने वंशजों से मिलने जाते हैं।
आइए जानते हैं यहां अमावस्या के दिन करने योग्य 10 शीतल दान और उपाय-
10 शीतल दान :
1. दही, लस्सी/ छाछ,
2. मटकी, सुराही, कलश या अन्य पात्र,
3. रसीले मौसमी फल- तरबूज, नारियल, संतरा, खीरा आदि,
4. मौसमी शर्बत- जलजीरा, कैरी पना, नारियल पानी, संतरा शर्बत आदि,
5. श्रीखंड, आम रस जैसी ठंडी मिठाई
6. नींबू,
7. सत्तू,
8. सौंफ एवं मिश्री,
9. पुदीना, धनिया,
10. शीतल जल।
उपाय-Amavasya upay
1. मान्यतानुसार अमावस्या पर व्रत-उपवास रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से पितृगण प्रसन्न होकर खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
2. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा-सा गंगा जल, काले तिल, शकर, चावल, सादा जल तथा पुष्प अर्पित करके 'ॐ पितृभ्य: नम:' का जाप करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं।
3. जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वे लोग अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं, इस उपाय से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
4. अमावस्या के दिन अगर कोई व्यक्ति व्रत रखकर पितृ का ध्यान एवं तर्पण करके उनके लिए सच्चे मन से प्रार्थना करता हैं तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या के दिन दक्षिणा दिशा की तरफ मुंह रखकर अपने दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृ तर्पण के समय जल में काले तिल अवश्य मिलाएं।
6. अमावस्या के दिन तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए 3 बार सूर्य देव को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है।
7. अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने से भी जीवन के परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
8. अमावस्या पर जो लोग नदी पर न जा सकें वे घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं तो उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगा जल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए।
9. अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, दान तथा तर्पण करके गीता का पाठ पढ़ना, पितृ स्तोत्र या पितृ सूक्त पढ़ना अतिशुभ माना जाता है, इससे पितरों को यातनाओं से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
10. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितृ तर्पण करके सूर्य नारायण को अर्घ्य देना चाहिए। तत्पश्चात ब्राह्मण को भोजन करवा कर गरीब तथा असहाय लोगों को खाने-पीने की चीजें, वस्त्रादि का दान करना चाहिए।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
Amavasya 2023 Daan
ALSO READ: Jyeshtha Amavasya may 2023 : ज्येष्ठ अमावस्या कब है? 4 कार्य करने से मिट जाएगा संताप
ALSO READ: ज्येष्ठ अमावस्या 2023 : शुभ संयोग, मुहूर्त, दान सूची, पूजा विधि, उपाय और कथा सहित सभी सामग्री एक साथ
from ज्योतिष https://ift.tt/dIgeH8X
via IFTTT
No comments:
Post a Comment