1. खुशहाल पारिवारिक फोटो : यदि आपके घर में गृहकलह बनी रहती है या वैचारिक मतभेद हैं तो आप कहीं से ऐसे चित्र लेकर आएं जिसमें हंसता-मुस्कुराता संयुक्त परिवार हो। उसे लाकर आप अपने अतिथि कक्ष में लगा दें। इसमें परिवार के सभी सदस्य होने चाहिए और उनके चेहरे प्रसन्नचित्त मुद्रा में होने चाहिए।
2. सुगंध का करें प्रयोग : तंत्रसार के अनुसार अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागरमाथा, चंदन, इलाइची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गुल ये सोलह प्रकार के धूप माने गए हैं। इसे षोडशांग धूप कहते हैं। इनकी धूनी देने से आकस्मिक रोग, शोक, कलेश और दुर्घटना नहीं होती है। घर में प्रतिदिन रात में कपूर जलाकर सोएं। रात्रि में सोने से पहले घी में भीगा हुआ कपूर जला दें। इसे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी। शरीर को हमेशा साफ-सुथरा बनाए रखें। गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं, इससे वातावरण सुगंधित होगा।
3. साथ मिल बैठकर ही डिनर करें : यदि संभव हो सके तो सभी साथ मिल बैठकर ही भोजन करें। किचन मैं बैठकर भोजन करें। यदि ऐसा संभव न होतो घर के मध्य स्थान, शौचायल और रसाईघर में यदि किसी प्रकार का वास्तुदोष हैं तो उसे दूर करें। यदि आपका रसोईघर अग्निकोण में न होते हुए किसी ओर दिशा में बना है तो वहां पर यज्ञ करते हुए ऋषियों की चित्राकृति लगाएं। इससे वहां का वास्तु दोष मिट जाएगा और धन के मार्ग में रुकावट नहीं आएगी। साथ ही संकटों का यह प्राथमिक उपचार होगा। जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए।
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