बदायूँ : निराश्रित एवं बेसहारा घूमने वाले पशुओं से अब किसानों की फसलों का नुकसान नहीं होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना, क्रियान्वयन संचालन के लिए निर्देश दिए हैं। गोवंश के अनुश्रवण के लिए जनपद, तहसील एवं विकास खंड स्तर पर समिति का गठन किया गया जो गौशाला बनाने के लिए भूमि का चयन तथा अन्य व्यवस्थाओं को पूर्ण कराएंगी।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल जनपद स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक समस्त उप जिला अधिकारी खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम प्रधानों की उपस्थिति में आयोजित की गई। उन्होंने ग्राम प्रधानों को निर्देश दिए कि सभी ग्राम प्रधान माह में एक बार एक-एक ट्राली भूसा गायों को खाने के लिए दान करें, ताकि कोई पशु भूखा न रहे। प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक अस्थाई गौवंश आश्रय स्थल बनवाएं, जिसमें बेसहारा एवं निराश्रित पशु पकड़कर रखे जाएं। यह कार्य 10 जनवरी तक पूरा कर लें। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रो के गौवंशों को अस्थाई गौवंश आश्रय स्थल पर जन सहयोग से पकड़वाकर पहुँचाएं तथा उनके लिए चारा, पानी एवं प्रकाश की उचित व्यवस्थाएं कराएं। डीएम ने डीसी मनरेगा, परियोजना निदेशक एई डीआरडी एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से एक मॉडल अस्थाई गौवंश आश्रय स्थल के प्रारूप बनवाने के भी निर्देश दिए हैं। ग्राम प्रधानों ने गायों को भूसा एवं पानी की व्यवस्थाओं में सहयोग करने का आश्वासन दिया। गांव रोहान के ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र सिंह ने बैठक में अपनी सलाह देते हुए कहा कि न्याय पंचायत अथवा ग्राम पंचायत के जो लोग गौवंश छोड़ देते हैं, उन्हें चिन्हित कर जुर्माना वसूला जाए। डीएम ने निर्देश दिए कि जो लोग सुबह अपने जानवर छोड़ देते हैं और शाम को पकड़ लेते हैं, ऐसे लोगों के जानवरों को पकड़कर अस्थाई गौवंश आश्रय में वसूल किया जाए एवं उनसे जुर्माना 1000 रुपए एवं 100 रुपए प्रतिदिन जानवर के पालन पोषण के लिए वसूले जाएं। डीएम ने समस्त उप जिला अधिकारी, अधिशासी अधिकारी खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम प्रधानों को संकल्प दिलाया कि सभी लोग लगकर गोवंश की रक्षा करेंगे और उनके लिए गौशाला में रखने के लिए सहयोग करें। उन्होंने नगर पालिका नगर पंचायतों के समस्त अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि 10 जनवरी से किसी भी नगर पालिका, नगर पंचायत में आवारा बेसहारा पशु घूमते नहीं मिलने चाहिए समस्त निराश्रित एवं बेसहारा घूमने वाले पशुओं को पशुशाला में होने चाहिए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी रमेश चंद्र, अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामनिवास शर्मा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अरुण कुमार जादौन, डीसी मनरेगा राम सागर यादव सहकारी समिति के अध्यक्ष उमेश राठौर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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